Shri Krishna Bhajan

गुरु गोबिंद सिंह (Guru Govind Singh)


भक्तमालः गुरु गोबिंद सिंह
वास्तविक नाम - गोबिंद राय, गोबिंद दास
अन्य नाम - दसवें नानक, दसवें सिख गुरु
गुरु - गुरु तेग बहादुर
जन्म - 22 दिसम्बर 1666 (गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व)
गोलोक गमन - 7 अक्टूबर 1708
जन्म स्थान - पटना, बिहार
वैवाहिक स्थिति: विवाहित
भाषा - पंजाबी, हिंदी, फारसी, अरबी और संस्कृत
पिता - गुरु तेग बहादुर
माता - माता गुजरी
प्रसिद्ध - दसवें सिख गुरु
सिख धर्म के दस गुरुओं में से गुरु गोबिंद सिंह जी अंतिम गुरु थे, जिन्होंने सिख धर्म को बदल दिया। 1699 में उन्होंने खालसा का निर्माण किया, जो विश्वासियों का एक समुदाय था, जो अपने विश्वास के दृश्य प्रतीकों को पहनते थे और योद्धाओं के रूप में प्रशिक्षित होते थे। आज खालसा में सभी अभ्यास करने वाले सिख शामिल हैं। तख्त श्री पटना हरिमंदर साहिब, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था और यह जगा आज सिखों का एक पवित्र धर्म स्तल है, जहाँ हर साल हजारों भक्त दर्शन के लिए पधारते हैं।

गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा की पाँच ककार के परंपरा की शुरुआत की थी:
केश: बिना कटे बाल।
कंघा : लकड़ी की कंघी।
कड़ा: कलाई पर पहना जाने वाला लोहे या स्टील का कड़ा।
किरपान: तलवार या खंजर।
कछैरा: छोटी जांघिया।

सिख में, गुरु भगवान है। जैसे लहर और सागर में कोई अंतर नहीं है, वैसे ही गुरु और ईश्वर में कोई अंतर नहीं है। दूसरे शब्दों में, गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी और गुरु ग्रंथ साहिब जी और ईश्वर, सभी एक ही हैं ये मानते हैं।

Guru Govind Singh in English

Guru Gobind Singh Ji was the last of the ten Gurus of Sikhism, who transformed Sikhism. In 1699 he created the Khalsa, a community of believers who wore visible symbols of their faith and trained as warriors.
यह भी जानें

Bhakt Guru Govind Singh BhaktGuru Nanak BhaktWaheguru BhaktSikhism BhaktGuru Granth Sahib BhaktGurumukhi BhaktKhalsa BhaktTenth Sikh Guru Bhakt

अगर आपको यह भक्तमाल पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भक्तमाल को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Bhakt ›

दादी जानकी

दादी जानकी जी को दुनिया में एक बड़ी शख्सियत के रूप में देखा और माना जाता है। दादी की जीवन कहानी सचमुच अनोखी और प्रेरणादायक थी।

भक्ति चारु स्वामी

भक्ति चारु स्वामी इस्कॉन के एक भारतीय आध्यात्मिक नेता थे। वह इस्कॉन के संस्थापक ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के शिष्य भी थे। महाराज को वैष्णव व्यवहार में उनकी विशेषज्ञता, उनके विशाल ज्ञान और श्रील प्रभुपाद और इस्कॉन के प्रति उनके समर्पण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है।

महर्षि वाल्मीकि

आदि कवि के रूप में पूजनीय महर्षि वाल्मीकि, सनातन धर्म के प्रथम कवि और महाकाव्य श्री रामायण के दिव्य रचयिता हैं।

महर्षि अगस्त्य

महर्षि अगस्त्य हिंदू परंपरा के सबसे पूजनीय ऋषियों में से एक हैं, जिन्हें सप्तऋषियों में गिना जाता है और दक्षिण भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक जनक माने जाते हैं।

अच्युत गोपी

अच्युत गोपी अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहते हैं। वह हिंदू धर्म में आस्था रखती हैं और भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहती हैं।

देवी अहल्या

अहिल्या हिंदू इतिहास में सबसे पूजनीय महिला पात्रों में से एक हैं, जो अपनी सुंदरता, पवित्रता, धैर्य और आध्यात्मिक शक्ति के लिए जानी जाती हैं।

सद्गुरु

सद्गुरु भारत के कोयम्बटूर में स्थित ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और प्रमुख हैं। ईशा आश्रम आध्यात्मिक, पर्यावरण और शैक्षिक गतिविधियों का एक प्रसिद्ध केंद्र है।

Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP