Shri Ram Bhajan

शारदा चालीसा (Sharda Chalisa)


शारदा चालीसा
शारदा चालीसा एक भक्ति गीत है जो शारदा माता पर आधारित है।
॥ दोहा ॥
मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज।
माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय शारदा महारानी।आदि शक्ति तुम जग कल्याणी॥
रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता।तीन लोक महं तुम विख्याता॥

दो सहस्र बर्षहि अनुमाना।प्रगट भई शारद जग जाना॥
मैहर नगर विश्व विख्याता।जहाँ बैठी शारद जग माता॥

त्रिकूट पर्वत शारदा वासा।मैहर नगरी परम प्रकाशा॥
शरद इन्दु सम बदन तुम्हारो।रूप चतुर्भुज अतिशय प्यारो॥

कोटि सूर्य सम तन द्युति पावन।राज हंस तुम्हारो शचि वाहन॥
कानन कुण्डल लोल सुहावहि।उरमणि भाल अनूप दिखावहिं॥

वीणा पुस्तक अभय धारिणी।जगत्मातु तुम जग विहारिणी॥
ब्रह्म सुता अखंड अनूपा।शारद गुण गावत सुरभूपा॥

हरिहर करहिं शारदा बन्दन।बरुण कुबेर करहिं अभिनन्दन॥
शारद रूप चण्डी अवतारा।चण्ड-मुण्ड असुरन संहारा॥

महिषा सुर वध कीन्हि भवानी।दुर्गा बन शारद कल्याणी॥
धरा रूप शारद भई चण्डी।रक्त बीज काटा रण मुण्डी॥

तुलसी सूर्य आदि विद्वाना।शारद सुयश सदैव बखाना॥
कालिदास भए अति विख्याता।तुम्हारी दया शारदा माता॥

वाल्मीक नारद मुनि देवा।पुनि-पुनि करहिं शारदा सेवा॥
चरण-शरण देवहु जग माया।सब जग व्यापहिं शारद माया॥

अणु-परमाणु शारदा वासा।परम शक्तिमय परम प्रकाशा॥
हे शारद तुम ब्रह्म स्वरूपा।शिव विरंचि पूजहिं नर भूपा॥

ब्रह्म शक्ति नहि एकउ भेदा।शारद के गुण गावहिं वेदा॥
जय जग बन्दनि विश्व स्वरुपा।निर्गुण-सगुण शारदहिं रुपा॥

सुमिरहु शारद नाम अखंडा।व्यापइ नहिं कलिकाल प्रचण्डा॥
सूर्य चन्द्र नभ मण्डल तारे।शारद कृपा चमकते सारे॥

उद्भव स्थिति प्रलय कारिणी।बन्दउ शारद जगत तारिणी॥
दु:ख दरिद्र सब जाहिं नसाई।तुम्हारी कृपा शारदा माई॥

परम पुनीति जगत अधारा।मातु शारदा ज्ञान तुम्हारा॥
विद्या बुद्धि मिलहिं सुखदानी।जय जय जय शारदा भवानी॥

शारदे पूजन जो जन करहीं।निश्चय ते भव सागर तरहीं॥
शारद कृपा मिलहिं शुचि ज्ञाना।होई सकल विधि अति कल्याणा॥

जग के विषय महा दु:ख दाई।भजहुँ शारदा अति सुख पाई॥
परम प्रकाश शारदा तोरा।दिव्य किरण देवहुँ मम ओरा॥

परमानन्द मगन मन होई।मातु शारदा सुमिरई जोई॥
चित्त शान्त होवहिं जप ध्याना।भजहुँ शारदा होवहिं ज्ञाना॥

रचना रचित शारदा केरी।पाठ करहिं भव छटई फेरी॥
सत्–सत् नमन पढ़ीहे धरिध्याना।शारद मातु करहिं कल्याणा॥

शारद महिमा को जग जाना।नेति-नेति कह वेद बखाना॥
सत्–सत् नमन शारदा तोरा।कृपा दृष्टि कीजै मम ओरा॥

जो जन सेवा करहिं तुम्हारी।तिन कहँ कतहुँ नाहि दु:खभारी॥
जो यह पाठ करै चालीसा।मातु शारदा देहुँ आशीषा॥

॥ दोहा ॥
बन्दउँ शारद चरण रज,भक्ति ज्ञान मोहि देहुँ।
सकल अविद्या दूर कर,सदा बसहु उरगेहुँ॥

जय-जय माई शारदा,मैहर तेरौ धाम।
शरण मातु मोहिं लीजिए,तोहि भजहुँ निष्काम॥

Sharda Chalisa in English

जय जय जय शारदा महारानी।आदि शक्ति तुम जग कल्याणी॥
यह भी जानें

Chalisa Sharda Maa ChalisaMata ChalisaNavratri ChalisaSharda Devi ChalisaSharda Chalisa Chalisa

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

चालीसा ›

कैला देवी चालीसा

जय जय जय कैला महारानी । नमो नमो जगदम्ब भवानी ॥ सब जग की हो भाग्य विधाता । आदि शक्ति तू सबकी माता ॥..

श्री झूलेलाल चालीसा

जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप। अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप॥

गंगा चालीसा

जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥ जय भगीरथी सुरसरि माता।

सूर्य चालीसा

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

संतोषी माता चालीसा

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

श्री लक्ष्मी चालीसा

मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP