Sawan 2025

दत्त स्तवम स्तोत्र (Datta Stavam Stotram)


दत्त स्तवम स्तोत्र
Add To Favorites Change Font Size
॥ श्री गणेशाय नमः ॥
भूतप्रेतपिशाचाध्या यस्य स्मरणमात्रतः ॥
दूरादेव पलायत्ने दत्तात्रेय नमामि तम् ॥१॥
यंनामस्मरणादैन्यम पापं तापश्च नश्यति ॥
भीतीग्रहार्तीदु:स्वप्नं दत्तात्रेय नमामि तम् ॥२॥

दद्रुस्फोटककुष्ठादि महामारी विषूचिका ॥
नश्यंत्यन्येपि रोगाश्च दत्तात्रेय नमामि तम् ॥३॥

संगजा देशकालोत्था अपि सांक्रमिका गदाः ॥
शाम्यंति यत्स्मरणतो दत्तात्रेय नमामि तम्‌ ॥४॥

सर्पवृश्‍चिकदष्टानां विषार्तानां शरीरिणाम ॥
यन्नाम शांतिदे शीघ्र दत्तात्रेय नमामि तम्‌ ॥५॥

त्रिविधोत्पातशमनं विविधारिष्टनाशनम्‌ ॥
यन्नाम क्रूरभीतिध्नं दत्तात्रेय नमामि तम्‌ ॥६॥

वैर्यादिकृतमंत्रादिप्रयोगा यस्य कीर्तनात ॥
नश्यंति देवबाधाश्च दत्तात्रेय नमामि तम्‌ ॥७॥

यच्छिष्यस्मरणात्सद्यो गतनष्टादि लभ्यते ॥
यः ईशः सर्वतस्त्राता दत्तात्रेय नमामि तम्‌ ॥८॥

जयलाभयशःकामदातुर्दत्तस्य यः स्तवम्‌ ॥
भोगमोक्षप्रदस्येमं पठेदत्तप्रियो भवेत ॥९॥

इति श्रीमत्‌ परमहंस परित्राजकाचार्य श्रीवासुदेवानंदसरसस्वती
विरवितं श्रीदत्तस्तवस्तोत्रं संपूर्णम ॥
यह भी जानें

Mantra Datta MantraDattatreya MantraDatta Jayanti MantraDattatreya Jayanti MantraDattachi MantraDutta MantraMarathi MantraGuru Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

लिङ्गाष्टकम्

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम्।

श्री रुद्राष्टकम्

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं...

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
Bhakti Bharat APP