Sawan 2025

Ganga Stuti - Jai Jai Bhagirath Nandini (Ganga Stuti - Jai Jai Bhagirath Nandini)


Ganga Stuti - Jai Jai Bhagirath Nandini
जय जय भगीरथ नन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दनि,
नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जहनु बालिका ।
बिस्नु-पद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,
त्रिपथ गासि, पुन्रूरासि, पाप-छालिका ॥
बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,
भँवर बर, बिभंगतर तरंग-मालिका ।
पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,
भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका ॥

थ्नज तटबासी बिहंग, जल-थल-चर पसु-पतंग,
कीट,जटिल तापस सब सरिस पालिका ।
तुलसी तव तीर तीर सुमिरत रघुवंस-बीर,
बिचरत मति देहि मोह-महिष-कालिका ॥

Ganga Stuti - Jai Jai Bhagirath Nandini in English

Har Har Gange, Jai Maa Gange, Om Jay Gange Mata Shri Jay Gange Maa...
यह भी जानें
हिन्दी भावार्थ

हे भगीरथ नंदिनी , तुम्हारी जय हो , जय हो । तुम मुनियों के समूह रूपी चकोरों के लिए चंद्रिका रूप हो । मनुष्य , नाग और देवता तुम्हारी वंदना करते हैं । हे जन्हू की पुत्री , तुम्हारी जय हो ।
तुम भगवान विष्णु के चरण कमल से उत्पन्न हुई हो , शिवजी के मस्तक पर शोभा पाती हो । स्वर्ग , भूमि और पाताल इन तीनों मार्गों से तीन धाराओं में होकर बहती ही । पुण्यों की राशि और पापों को धोने वाली हो ।

तुम अगाध निर्मल जल धारण किए हो , वह जल शीतल है और तीनों तापों को हरने वाला है । तुम सुंदर भँवर और अति चंचल तरंगों की माला धारण किए हो ।
नगर वासियों ने पूजा के समय उपहार चढ़ाये उनसे चंद्रमा के समान तुम्हारी धवल धारा शोभित हो रही है । यह धारा संसार के जन्म मरण रूप भार का नाश करने वाली तथा भक्ति रूपी कल्पवृक्ष की रक्षा के लिए थाल्हा रूप है ।

तुम अपने तीर पर रहने वाले पक्षी , जलचर , पशु , पतंग , कीट और जटाधारी तपस्वी आदि सबका समान भाव से पालन करती हो ।
हे मोह रूपी महिषासुर को मारने के लिए कालिका रूप गंगाजी , मुझ तुलसीदास को ऐसी बुद्धि दो जिससे वह श्री रघुनाथ जी का स्मरण करते हुए तुम्हारे तीर पर विचरा करे ।

Aarti Maa Ganga AartiShri Ganga AartiGanga Dussehra AartiGangaji AartiGanga Maiya Aarti

अन्य प्रसिद्ध Ganga Stuti - Jai Jai Bhagirath Nandini वीडियो

Anil Bisht

Sushmita Mazumdar

अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस आरती को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री राम स्तुति

Ram Stuti Lyrics in Hindi and English - श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं। नव कंज लोचन कंज मुख...

खाटू श्याम आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

ॐ जय जगदीश हरे आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

श्री सूर्य देव - ऊँ जय कश्यप नन्दन।

ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥

श्री सत्यनारायण जी आरती

जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा॥

हनुमान आरती

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥..

आरती: श्री शनिदेव - जय जय श्री शनिदेव

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय..॥

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP