अब किसी महफिल में जाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
दुनिया वालो को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं ॥
एक दिल है जिसमे मेरा,
बस गया है सांवरा,
अब कही दिल को लगाने,
की हमें फुर्सत नहीं ।
अब किसी महफिल मे जाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
दुनिया वालो को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं ॥
ये जो आंखे है हमारी,
मिल गयी है श्याम से,
अब कही आँखे मिलाने,
की हमें फुर्सत नहीं ।
अब किसी महफिल मे जाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
दुनिया वालो को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं ॥
एक सर है झुक गया जो,
आपके दरबार में,
अब कही सर को झुकाने,
की हमें फुर्सत नहीं ।
अब किसी महफिल मे जाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
दुनिया वालो को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं ॥
BhaktiBharat Lyrics
अब किसी महफ़िल में जाने,
की हमें फुर्सत नहीं,
दुनिया वालो को मनाने,
की हमें फुर्सत नहीं ॥
- DevakiNandan JiAb Kisi Mehafil Mein Jane, Ki Hamen Fursat Nahi, Duniya Walo Ko Manane Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shayam BhajanKhatu BhajanKhatu Shayam BhajanFalgun Mela BhajanDevaki Nandan Ji Bhajan
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अब किसी महफिल में जाने, की हमें फुर्सत नहीं - देवी हेमलता शास्त्री जी
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