चौसठ योगिनी मंदिर - Chausath Yogini Temple

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ भारत की संसद भवन इसी की वास्तुकला से प्रेरित है।
◉ आंतरिक भाग में कुल 5 परिक्रमा पथ हैं।
◉ मंदिर का निर्माण महाराज देवपाल द्वारा 1323 ई. में।
◉ यह मंदिर राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के अंतर्गत आता है।
चौसठ योगिनी मितावली मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला का वृत्ताकार योजना वाला एक बहुत ही अनोखा और शानदार मंदिर है। आमतौर पर अधिकांश मंदिरों के शीर्ष शंक्वाकार शिखर के आकार होते हैं।

माना जाता है कि, भारत की संसद भवन इसी योगिनी मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित है जोकि 1912-1913 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। परंतु भारतीय संसद भवन का मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित होने का कोई विश्वसनीय लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

मंडप के भीतरी घेरे में 17-17 स्तंभ, बाहरी घेरे में 64-64 स्तंभ हैं। मंदिर के आंतरिक भाग में कुल 5 परिक्रमा पथ हैं। सबसे बाहरी पथ के साथ 64 प्रकोष्ठ हैं, जिनमे अधिकतर में शिवलिंग विराजमान हैं परंतु किसी भी प्रकोष्ठ में योगिनी उपस्थिति नहीं है। इन्हीं 64 प्रकोष्ठों में योगिनियों की उपस्थित के कारण ही मंदिर का नाम चौसठ योगिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है

योगिनी की पूजा तंत्र साधना के अंतर्गत सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष रूप से की जाती है। स्थानीय जन-धारणा के अनुसार, मंदिर में अभी भी कुछ तंत्र सिद्ध भक्त गुप्त रूप से साधना क्रियाओं को पूर्ण करने हेतु मंदिर में आते हैं।

मंदिर के आस-पास रेस्तरां अथवा भोजनालय की व्यवस्था ना के बराबर ही है। ऊपर मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ियों से होकर जाना होता है, सीढ़ियों की संख्या अधिक भी नही है एक साधारण फिट व्यक्ति 5 मिनट के भीतर ऊपर चढ़ सकता है, हालांकि कोई छाया न होने के कारण अत्यधिक धूप अथवा गर्म मौसम में अपने साथ पानी की सुविधा मुहैया कर के रखें। वैसे तो मंदिर के बिल्कुल नीचे ही श्री राम जानकी मंदिर में छायादार वृक्ष एवं पीने के प्राकृतिक जल की सुविधा उपलब्ध है।

मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के गाइड की सुविधा उपलब्ध नही है। यह मंदिर एमपी पर्यटन द्वारा प्रबंधित किया जाता है। नीचे के ओर मंदिर परिसर में पार्किंग की सीमित सुवधा ही उपलब्ध है। यह मंदिर फोटोग्राफ़ी, ऐतिहासिक, वास्तुकला, पुरातत्व एवं सूर्योदय-सूर्यास्त पॉइंट का आनंद लेने के लिए बहुत अच्छी जगह है।

यह मंदिर राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के अंतर्गत आता है। मंदिर के गर्भगृह में कोई भी आधिकारिक पुजारी अथवा महंत नियुक्त नहीं है। मंदिर में कार्यरत सभी व्यक्ति भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। के नियमित कर्मचारी ही हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा शिलालेख | चौसठ योगिनी मंदिर की वास्तुकला?
मितावली ग्राम की ऊँची पहाड़ियों पर निर्मित यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच इकोत्तरसा महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की भू योजना विशिष्ट है तथा भारत वर्ष में प्राप्त चौंसठ योगिनी मंदिरों की भू योजना के समान है, जिसमें प्रायः मुख्य मंदिर के चारों ओर वृत्ताकार में देव प्रकोष्ठ होते हैं।

मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व में है तथा इसके चारों ओर निर्मित प्रकोष्ठ जिनके सामने स्तंभों पर आधारित बरामदा है, बहुत छोटे-छोटे हैं। इन प्रकोष्ठों में से कुछ में शिवलिंग विद्धमान है। मध्य में एक ऊँची गोल जगती पर मुख्य मंदिर है जिसके गर्भग्रह में शिवलिंग स्थापित है।

चौसठ योगिनी मंदिर किसने बनवाया?
अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस मंदिर का निर्माण महाराज देवपाल द्वारा 1323 ई. में कराया गया था। मंदिर की पहाड़ी की तलहटी में भारी भरकम आभूषणों युक्त आदमकद कुषाण कालीन पाषाण प्रतिमाएँ प्राप्त हुई है, जो वर्तमान में पुरातत्व संग्रहालय ग्वालियर किला, ग्वालियर में प्रदर्शित हैं।

चौसठ योगिनी मंदिर कहाँ है?
चौसठ योगिनी मंदिर मध्य प्रदेश में मोरेना जिले के मितावली गाँव की एक ऊँची सी पहाड़ी पर स्थित है।
प्रचलित नाम: इकोत्तरसा महादेव मंदिर
Chausath Yogini Temple - Read In English
The Parliament building of India is inspired by its architecture. There are total 5 circumambulation paths in the interior. The temple was built by Maharaj Devpal in 1323 AD.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
सूर्योदय से सूर्यास्त तक।
त्योहार
Shivaratri, Pradosh Vrat, Trayodashi Vrat, Sawan Somwar, Nag Panchami, Eaclipse, Amavasya | यह भी जानें: एकादशी
संस्थापक
महाराज देवपाल
स्थापना
1323 ई.
देख-रेख संस्था
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
समर्पित
भगवान शिव पार्वती
फोटोग्राफी
हाँ जी (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Mitaoli Morena Madhya Pradesh
मेट्रो 🚇
रेलवे 🚉
Morena
हवा मार्ग ✈
Gwalior Airport, Pandit Deen Dayal Upadhyay Airport Agra
नदी ⛵
Asan
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
26.436677°N, 78.235273°E

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

चौसठ योगिनी मंदिर

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Updated: Mar 24, 2023 00:33 AM

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