Download Bhakti Bharat APP

अभयदान दीजै दयालु प्रभु - भजन (Abhaydan Deejai Dayalu Prabhu Shiv Aarti)


अभयदान दीजै दयालु प्रभु,
सकल सृष्टि के हितकारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥
दीनदयालु कृपालु कालरिपु,
अलखनिरंजन शिव योगी ।
मंगल रूप अनूप छबीले,
अखिल भुवन के तुम भोगी ॥
वाम अंग अति रंगरस-भीने,
उमा वदन की छवि न्यारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥
असुर निकंदन, सब दु:खभंजन,
वेद बखाने जग जाने ।
रुण्डमाल, गल व्याल,भाल-शशि,
नीलकण्ठ शोभा साने ॥
गंगाधर, त्रिसूलधर, विषधर,
बाघम्बर, गिरिचारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

यह भवसागर अति अगाध है,
पार उतर कैसे बूझे ।
ग्राह मगर बहु कच्छप छाये,
मार्ग कहो कैसे सूझे ॥
नाम तुम्हारा नौका निर्मल,
तुम केवट शिव अधिकारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

मैं जानूँ तुम सद्गुणसागर,
अवगुण मेरे सब हरियो ।
किंकर की विनती सुन स्वामी,
सब अपराध क्षमा करियो ॥
तुम तो सकल विश्व के स्वामी,
मैं हूं प्राणी संसारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

काम, क्रोध, लोभ अति दारुण,
इनसे मेरो वश नाहीं ।
द्रोह, मोह, मद संग न छोडै,
आन देत नहिं तुम तांई ॥
क्षुधा-तृषा नित लगी रहत है,
बढी विषय तृष्णा भारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

तुम ही शिवजी कर्ता-हर्ता,
तुम ही जग के रखवारे ।
तुम ही गगन मगन पुनि,
पृथ्वी पर्वतपुत्री प्यारे ॥
तुम ही पवन हुताशन शिवजी,
तुम ही रवि-शशि तमहारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

पशुपति अजर, अमर, अमरेश्वर,
योगेश्वर शिव गोस्वामी ।
वृषभारूढ, गूढ गुरु गिरिपति,
गिरिजावल्लभ निष्कामी ॥
सुषमासागर रूप उजागर,
गावत हैं सब नरनारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

महादेव देवों के अधिपति,
फणिपति-भूषण अति साजै ।
दीप्त ललाट लाल दोउ लोचन,
आनत ही दु:ख भाजै ॥
परम प्रसिद्ध, पुनीत, पुरातन,
महिमा त्रिभुवन-विस्तारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेष मुनि,
नारद आदि करत सेवा ।
सबकी इच्छा पूरन करते,
नाथ सनातन हर देवा ॥
भक्ति, मुक्ति के दाता शंकर,
नित्य-निरंतर सुखकारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

महिमा इष्ट महेश्वर को जो सीखे,
सुने, नित्य गावै ।
अष्टसिद्धि-नवनिधि-सुख-सम्पत्ति,
स्वामीभक्ति मुक्ति पावै ॥
श्रीअहिभूषण प्रसन्न होकर,
कृपा कीजिये त्रिपुरारी ।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन,
भवभंजन शुभ सुखकारी ॥

Abhaydan Deejai Dayalu Prabhu Shiv Aarti in English

Abhaydan Deejai Dayalu Prabhu, Sakal Srshti Ke Hitkari । Bholenath Bhakt-du:khagnjan...
यह भी जानें

Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Mandir Bhajan

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने - भजन

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले...

राम को देख कर के जनक नंदिनी: भजन

राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी। यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग...

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की - माँ संतोषी भजन

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की। जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥

मैया ओढ़ चुनरिया लाल, के बैठी कर सोलह श्रृंगार: भजन

मैया ओढ़ चुनरिया लाल, के बैठी कर सोलह श्रृंगार, बड़ी प्यारी लागे, बड़ी सोणी लागे, बड़ी प्यारी लागे, बड़ी सोणी लागे ॥

सुन मेरी मात मेरी बात - भजन

सुन मेरी मात मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराके मैया, जासी कठे मेरे से ॥

माँ तू है अनमोल: भजन

माँ तू है अनमोल, जो जाने मेरे बोल, माँ तेरा ना कोई मोल, तू तो प्रेम की मूरत है, माँ तू प्रेम की मूरत है ॥

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये - भजन

साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
×
Bhakti Bharat APP