आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..
माया मरी ना मन मरा, मर मर गया शरीर, आशा तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर, खाली हाथ आया रे बन्दे, खाली हाथ जाएगा,
दो दिन की जिन्दगी है, दो दिन का मेला, तू क्या लेके आया जगत में, क्या लेके जायेगा, दो दिन की जिन्दगी है, दो दिन का मेला ॥
ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे, जीवन पथ पर शाम सवेरे, जीवन पथ पर शाम सवेरे, छाए है घनघोर अँधेरे, ओ शंकर मेरें, कब होंगे दर्शन तेरे ॥
भोले शंकर हम भक्तो से, करते कितना प्यार, हमें एक बार बता दे, मेरे सरकार बता दे, हमें एक बार बता दे, मेरे सरकार बता दे ॥
औघड़ बम बम बम, औघड बम बम बम, भांग धतूरा पिए हलाहल, भांग धतूरा पिए हलाहल, और लगाए दम, औघड बम बम बम,
औघड बम बम बम ॥
मगन हो करके शिव शंकर, मधुर डमरू बजाते है, ये जब मस्ती में आते है, तभी डमरू बजाते है, ये जब डमरू बजाते है, सकल श्रष्टि नचाते है, कभी नटराज बनकर के, भोले डमरू बजाते है, मगन हों करके शिव शंकर, मधुर डमरू बजाते है ॥
शिवरात्रि के दिन श्रद्धा से, शिव महिमा जो गाए, अंत समय शिव भक्ति उसको, मोक्ष की राह दिखाए, आज के दिन सुनते, शिव भक्तो की पुकार, आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार, आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥