Download Bhakti Bharat APP
Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp ChannelDownload APP Now - Download APP NowDurga Chalisa - Durga ChalisaRam Bhajan - Ram Bhajan

द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् (Dwadash Jyotirlinga Stotram)


द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥1
श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम् ।
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ॥2

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ।
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥3

कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ।
सदैवमान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे ॥4

पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम् ।
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि ॥5

याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः ।
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ॥6

महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः ।
सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥7

सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे ।
यद्धर्शनात्पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे ॥8

सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः ।
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ॥9

यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च ।
सदैव भीमादिपदप्रसिद्दं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि ॥10

सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम् ।
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ॥11

इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् ।
वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणम् प्रपद्ये ॥12

ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण ।
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च ॥13
॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

स्वर - परम शैव पं. मृत्युंजय हिरेमठ जी
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र - सौराष्ट्रे सोमनाथं | द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग

शिव चालीसा | लिङ्गाष्टकम् | शिव आरती | शिव भजन | शिव पंचाक्षर स्तोत्र

Dwadash Jyotirlinga Stotram in English

Sourashtra Dese Visadhethi Ramye, Jyothirmayam Chandra Kalavathamsam, Bhakthi Pradhanaya Krupavatheernam..
यह भी जानें
हिन्दी भावार्थ

जो शिव अपनी भक्ति प्रदान करने के लिए सौराष्ट्र प्रदेश में दयापूर्वक अवतरित हुए हैं, चंद्रमा जिनके मस्तक का आभूषण बना है, उन ज्योतिर्लिंग स्वरुप भगवान श्री सोमनाथ की शरण में मैं जाता हूँ ॥ 1

जो ऊँचाई के आदर्शभूत पर्वतों से भी बढ़कर ऊँचे श्री शैल के शिखर पर, जहाँ देवताओं का अत्यन्त समागम रहता है, प्रसन्नतापूर्वक निवास करते हैं तथा जो संसार-सागर से पार कराने के लिए पुल के समान है, उन एकमात्र प्रभु मल्लिकार्जुन को मैं नमस्कार करता हूँ ॥ 2

संतजनो को मोक्ष देने के लिए जिन्होंने अवन्तिपुरी (वर्तमान में उज्जैन) में अवतार धारण किया है, उन महाकाल नाम से विख्यात महादेवजी को मैं अकाल मृत्यु से बचाने के लिए प्रणाम करता हूँ ॥3

जो सत्पुरुषो को संसार सागर से पार उतारने के लिए कावेरी और नर्मदा के पवित्र संगम के निकट मान्धाता के पुर में सदा निवास करते हैं, उन अद्वित्तीय कल्याणमय भगवान ऊँकारेश्वर का मैं स्तवन करता हूँ ॥4

जो पूर्वोत्तर दिशा में चिताभूमि (वर्तमान में वैद्यनाथ धाम) के भीतर सदा ही गिरिजा के साथ वास करते हैं, देवता और असुर जिनके चरण कमलों की आराधना करते हैं, उन श्री वैद्यनाथ को मैं प्रणाम करता हूँ ॥5

जो दक्षिण के अत्यन्त रमणीय सदंग नगर में विविध भोगो से संपन्न होकर आभूषणों से भूषित हो रहे हैं, जो एकमात्र सदभक्ति और मुक्ति को देने वाले हैं, उन प्रभु श्रीनागनाथ जी की शरण में मैं जाता हूँ ॥6

जो महागिरि हिमालय के पास केदारश्रृंग के तट पर सदा निवास करते हुए मुनीश्वरो द्वारा पूजित होते हैं तथा देवता, असुर, यज्ञ और महान सर्प आदि भी जिनकी पूजा करते हैं, उन एक कल्याणकारक भगवान केदारनाथ का मैं स्तवन करता हूँ ॥7

जो गोदावरी तट के पवित्र देश में सह्य पर्वत के विमल शिखर पर वास करते हैं, जिनके दर्शन से तुरन्त ही पातक नष्ट हो जाता है, उन श्री त्र्यम्बकेश्वर का मैं स्तवन करता हूँ ॥8

जो भगवान श्री रामचन्द्र जी के द्वारा ताम्रपर्णी और सागर के संगम में अनेक बाणों द्वारा पुल बाँधकर स्थापित किये गए, उन श्री रामेश्वर को मैं नियम से प्रणाम करता हूँ ॥9

जो डाकिनी और शाकिनी वृन्द में प्रेतों द्वारा सदैव सेवित होते हैं, उन भक्ति हितकारी भगवान भीम शंकर को मैं प्रणाम करता हूँ ॥10

जो स्वयं आनंद कन्द हैं और आनंदपूर्वक आनन्द वन (वर्तमान में काशी) में वास करते हैं, जो पाप समूह के नाश करने वाले हैं, उन अनाथों के नाथ काशीपति श्री विश्वनाथ की शरण में मैं जाता हूँ ॥11

जो इलापुर के सुरम्य मंदिर में विराजमान होकर समस्त जगत के आराधनीय हो रहे हैं, जिनका स्वभाव बड़ा ही उदार है, उन घृष्णेश्वर नामक ज्योतिर्मय भगवान शिव की शरण में मैं जाता हूँ ॥12

यदि मनुष्य क्रमश: कहे गये इन द्वादश ज्योतिर्मय शिव लिंगो के स्तोत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करें तो इनके दर्शन से होने वाला फल प्राप्त कर सकता है ॥13

Mantra Jyotirlingani MantraShiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya MantraTanvi Senjaliya Mantra

अन्य प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् वीडियो

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

माँ जगदम्बे स्तुति

दक्ष उवाच- महेशानि नमस्तुभ्यं जगदम्बे सनातनि । कृपां कुरु महादेवि सत्ये सत्यस्वरूपिणि ॥

अक्षय तृतीया पूजा मन्त्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।

जय दुर्गे जय दुर्गे: मंत्र

जय दुर्गे जय दुर्गे, महिषविमर्दिनी जय दुर्गे । जय दुर्गे जय दुर्गे,

श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्

निशुम्भ शुम्भ गर्जनी, प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी । बनेरणे प्रकाशिनी, भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ त्रिशूल मुण्ड धारिणी..

श्री चण्डी-ध्वज स्तोत्रम्

धन राज्य सुख देने वाला माँ चण्डिका का स्तोत्र। ॐ श्रीं नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै भूत्त्यै नमो नमः । परमानन्दरुपिण्यै नित्यायै सततं नमः॥१॥

श्री दुर्गा देवी स्तोत्रम्

श्री युधिष्ठिर विरचितं | श्रीगणेशाय नमः । श्री दुर्गायै नमः । नगरांत प्रवेशले पंडुनंदन । तो देखिले दुर्गास्थान । धर्मराज करी स्तवन । जगदंबेचे तेधवा ॥

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् नवरात्रि के दौरान माता रानी का सबसे ज्यादा सुना और पढ़ा जाने वाला संस्कृत श्लोक है

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
×
Bhakti Bharat APP