Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Durga Chalisa - Ram Bhajan -

शांति मंत्र (Shanti Mantra)


शांति मंत्र
शांति पाठ, शांति के लिए की जाने वाली हिंदू प्रार्थना है, आमतौर पर धार्मिक पूजाओं, अनुष्ठानों और प्रवचनों के अंत में यजुर्वेद के इस शांति मंत्र का प्रयोग किया जाता है।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: ।

वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

Shanti Mantra in English

The Shanti Mantras means peace Mantras is Hindu prayer for Peace, generally use at the end of religi
यह भी जानें
हिन्दी रूपांतरण

शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में
जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में,
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

Mantra Shanti MantraVadic MantraVed MantraShanti Path MantraHavan MantraArya Samaj MantraFamous MantraMost Popular MantraGayatri Pariwar MantraYagya MantraHawan MantraDaily Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

श्री युगलाष्टकम् - कृष्ण प्रेममयी राधा

कृष्णप्रेममयी राधा राधाप्रेम मयो हरिः | जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम् ||

बृहस्पति स्तोत्रं - स्कन्दपुराणे

पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी, चतुर्भुजो देवगुरु: प्रशान्त: । दधाति दण्डं च कमण्डलुं च..

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्

आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र में भगवान श्री हनुमान की विशेषता के बारे में बताया गया हैं। वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् ..

लिङ्गाष्टकम्

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम्।

मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं॥

Hanuman Chalisa -
Ram Bhajan -
×
Bhakti Bharat APP