Sawan 2025

हे श्री कृष्ण! तुम सर्वज्ञ हो - प्रेरक कहानी (Hey Shri Krishna! Aap Sarvagya Ho)


हे श्री कृष्ण! तुम सर्वज्ञ हो - प्रेरक कहानी
Add To Favorites Change Font Size
एक वृद्ध महिला एक सब्जी की दुकान पर जाती है, उसके पास सब्जी खरीदने के पैसे नहीं होते है। वो दुकानदार से प्रार्थना करती है कि उसे सब्जी उधार दे दे पर दुकानदार मना कर देता है। उसके बार-बार आग्रह करने पर दुकानदार खीज कर कहता है, तुम्हारे पास कुछ ऐसा है , जिसकी कोई कीमत हो, तो उसे इस तराजू पर रख दो, मैं उसके वजन के बराबर सब्जी तुम्हे दे दूंगा।
वृद्ध महिला कुछ देर सोच में पड़ जाती है। क्योंकि उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं था। कुछ देर सोचने के बाद वह, एक मुड़ा-तुड़ा कागज का टुकड़ा निकलती है और उस पर कुछ लिख कर तराजू पर रख देती है।

दुकानदार ये देख कर हंसने लगता है। फिर भी वह थोड़ी सब्जी उठाकर तराजू पर रखता है।
आश्चर्य..!!!
कागज वाला पलड़ा नीचे रहता है और सब्जी वाला ऊपर उठ जाता है। इस तरह वो और सब्जी रखता जाता है पर कागज वाला पलड़ा नीचे नहीं होता। तंग आकर दुकानदार उस कागज को उठा कर पढता है और हैरान रह जाता है। कागज पर लिखा था, हे श्री कृष्ण! तुम सर्वज्ञ हो, अब सब कुछ तुम्हारे हाथ में है।

दुकानदार को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था। वो उतनी सब्जी वृद्ध महिला को दे देता है। पास खड़ा एक अन्य ग्राहक दुकानदार को समझाता है, कि दोस्त, आश्चर्य मत करो। केवल श्री कृष्ण ही जानते हैं की प्रार्थना का क्या मोल होता है।

वास्तव में प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है। चाहे वो एक घंटे की हो या एक मिनट की। यदि सच्चे मन से की जाये, तो ईश्वर अवश्य सहायता करते हैं।

अक्सर लोगों के पास ये बहाना होता है, की हमारे पास वक्त नहीं। मगर सच तो ये है कि ईश्वर को याद करने का कोई समय नहीं होता।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Krishna Prerak-kahaniBrij Prerak-kahaniBhagwat Prerak-kahaniJanmashtam Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

जब श्री कृष्ण बोले, मुझे कहीं छुपा लो - प्रेरक कहानी

एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ी।...

प्रभु भोग का फल - प्रेरक कहानी

सेठजी के होश उड़ गए, वो तो बैठ गए वहीं पर। रात हो गई, सेठजी वहीं सो गए कि कहीं संतजी की तबियत बिगड़ गई तो कम से कम बैद्यजी को दिखा देंगे..

सूरदास जी की गुरु भक्ति - प्रेरक कहानी

सूर आज अंतिम घडी मे कहता है कि, मेरे जीवन का बाहरी और भीतरी दोनो तरह का अंधेरा मेरे गुरू वल्लभ ने ही हरा। वरना मेरी क्या बिसात थी। मै तो उनका बिना मोल का चेरा भर रहा।

हे श्री कृष्ण! तुम सर्वज्ञ हो - प्रेरक कहानी

एक वृद्ध महिला एक सब्जी की दुकान पर जाती है, उसके पास सब्जी खरीदने के पैसे नहीं होते है।..

परहित ही सबसे बड़ा धर्म है - प्रेरक कहानी

एक बार भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन भ्रमण के लिए कहीं निकले थे तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राह्मण को भिक्षा मांगते देखा तो अर्जुन को उस पर दया आ गयी

गरीब विद्वान व राजा भोज, बने भाई-भाई - प्रेरक कहानी

राजन्, जब तक आपकी मौसी जीवित थीं, आपके दर्शन नहीं हुए थे। अब आपके दर्शन हुए तो आपकी मौसी स्वर्ग सिधार गईं। इस उत्तर से भोज को और भी प्रसन्नता हुई।

सच्चा साधु कौन है - प्रेरक कहानी

एक साधु को एक नाविक रोज इस पार से उस पार ले जाता था, बदले मैं कुछ नहीं लेता था, वैसे भी साधु के पास पैसा कहां होता था। नाविक सरल था, पढा लिखा तो नहीं, पर समझ की कमी नहीं थी।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP