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श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: विभूतियोग - श्लोक 26 (Shrimad Bhagwat Geeta: Vibhuti Yog: Shlok 26)


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अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारदः ।
गन्धर्वाणां चित्ररथः सिद्धानां कपिलो मुनिः ॥
भावार्थ: मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष, देवर्षियों में नारद मुनि, गन्धर्वों में चित्ररथ और सिद्धों में कपिल मुनि हूँ॥10.26॥
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