जब वैश्या ने कबीरदास जी की झोपड़ी में लगाई आग - प्रेरक प्रसंग
सतगुरु कबीरदास जी की कुटिया के पास एक वैश्या ने अपना कोठा बना लिया, एक ओर तो कबीरदास जी जो दिन भर मालिक के नाम कीर्तन करते और दूसरी और वैश्या जिसके घर में नाच गाना होता रहता
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दूध से भरा कुआँ - प्रेरक कहानी
एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फैल गयी। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय करवाये मगर कुछ असर न हुआ और लोग मरते रहे।
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ज्ञानपिपासु विद्यार्थियों - प्रेरक प्रसंग
एक गुरु के दो शिष्य थे। एक पढ़ाई में बहुत तेज और विद्वान था और दूसरा फिसड्डी। पहले शिष्य की हर जगह प्रसंशा और सम्मान होता था।..
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गेहूँ का दाना एक शिक्षक - प्रेरक कहानी
गेहूँ का दाना वह शिक्षक है जो मुझे सृष्टि के नियमों को सिखाता है, एक बार एक राजा युद्ध जीतकर लौट रहा था, तो वह संत के निवास के निकट जा पहुंचा। उसने इस रहस्यदर्शी संत के दर्शन करने की सोची। राजा ने संत के पास जाकर कहा..
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शांति कहाँ मिलेगी - प्रेरक कहानी
एक समय कि बात है, भगवान विष्णु सभी जीवों को कुछ न कुछ चीजें भेट कर रहे थे। सभी जीव भेंट स्वीकार करते और खुशी-खुशी अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान करते।
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भक्त का भाव ही प्रभुको प्रिय है - प्रेरक कहानी
बनारस में उस समय कथावाचक व्यास डोगरे जी का जमाना था। बनारस का वणिक समाज उनका बहुत सम्मान करता था। वो चलते थे तो एक काफिला साथ चलता था।
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व्यर्थ - व्यर्थ की चिंतायें - प्रेरक कहानी
एक व्यक्ति बहुत दिनों से तनावग्रस्त चल रहा था जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा क्रोध में रहने लगा था। वह सदैव इस बात से परेशान रहता था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते हैं
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एक जोड़ी, पैरों के निशान? - प्रेरक कहानी
आपने तो कहा था. कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर ही दिखाई दिए...
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छोटे प्रयासों से, बहुत कुछ मिल जायेगा - प्रेरक कहानी
एक आदमी समुद्रतट पर चल रहा था। उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक युवक ने रेत पर झुककर कुछ उठाया और आहिस्ता से उसे पानी में फेंक दिया।...
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सर्वश्रेष्ठ हो, बस वही ईश्वर को समर्पित हो - प्रेरक कहानी
उस राज्य की राजकुमारी भगवान के आगे अपना मुंडन करवा रही थी और वहाँ पर एक किसान जिसके स्वयं के वस्त्र फटे हुये थे पर वो कुछ लोगों को नये नये वस्त्र दान कर रहा था।
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राजा की सम्यक् दृष्टि - प्रेरक कहानी
एक दिन राजा अपनी शैया पर लेेटे-लेटे सोचने लगा, मैं कितना भाग्यशाली हूँ। कितना विशाल है मेरा परिवार, कितना समृद्ध है मेरा अंत:पुर, कितनी मजबूत है मेरी सेना..
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बहरे भक्त का सत्संग प्रेम - प्रेरक कहानी
एक संत के पास बहरा आदमी सत्संग सुनने आता था। उसे कान तो थे पर वे नाड़ियों से जुड़े नहीं थे। एकदम बहरा, एक शब्द भी सुन नहीं सकता था।
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एक क्रिया, और सात्विक प्रतिक्रिया - प्रेरक कहानी
किसी गाँव में दो साधू रहते थे। वे दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी।...
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मानव धर्म ही सर्वोपरि - प्रेरक कहानी
एक विदेशी को अपराधी समझ जब राजा ने फांसी का हुक्म सुनाया तो उसने अपशब्द कहते हुए राजा के विनाश की कामना की।...
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भाव से बढ़कर कोई पूजा नहीं - प्रेरक कहानी
एक करोड़पति बहुत अड़चन में था। करोड़ों का घाटा लगा था, और सारी जीवन की मेहनत डूबने के करीब थी! नौका डगमगा रही थी। कभी मंदिर नहीं गया था, कभी प्रार्थना भी न की थी। फुर्सत ही नहीं मिली थी।
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