Shri Krishna Bhajan

जब काम न रहे तो - प्रेरक कहानी (Jab Kam Na Rahe Too)


Add To Favorites Change Font Size
एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया, संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई, सेठ ने उससे पूछा- भाई यह क्या है, उसने जवाब दिया कि यह एक भूत है। इसमें अपार बल है कितना भी कठिन कार्य क्यों न हो यह एक पल में निपटा देता है। यह कई वर्षों का काम मिनटों में कर सकता है।
सेठ भूत की प्रशंसा सुन कर ललचा गया और उसकी कीमत पूछी, उस आदमी ने कहा कीमत बस पाँच सौ रुपए है। कीमत सुन कर सेठ ने हैरानी से पूछा- बस पाँच सौ रुपए!
उस आदमी ने कहा- सेठ जी जहाँ इसके असंख्य गुण हैं वहाँ एक दोष भी है। अगर इसे काम न मिले तो मालिक को खाने दौड़ता है।

सेठ ने विचार किया कि मेरे तो सैकड़ों व्यवसाय हैं, विलायत तक कारोबार है यह भूत मर जायेगा पर काम खत्म न होगा, यह सोच कर उसने भूत खरीद लिया। मगर भूत तो भूत ही था, उसने अपना मुंह खोला और बोला- बोला काम काम काम काम।

सेठ भी तैयार ही था, उसने बहुत को तुरन्त दस काम बता दिये, पर भूत उसकी सोच से कहीं अधिक तेज था इधर मुँह से काम निकलता उधर पूरा होता, अब सेठ घबरा गया। संयोग से एक सन्त वहाँ आये, सेठ ने विनयपूर्वक उन्हें भूत की पूरी कहानी बतायी।

सन्त ने हँस कर कहा अब जरा भी चिन्ता मत करो एक काम करो उस भूत से कहो कि एक लम्बा बाँस ला कर आपके आँगन में गाड़ दे बस जब काम हो तो काम करवा लो और कोई काम न हो तो उसे कहें कि वह बाँस पर चढ़ा और उतरा करे तब आपके काम भी हो जायेंगे और आपको कोई परेशानी भी न रहेगी सेठ ने ऐसा ही किया और सुख से रहने लगा।

अपना मन ही वह भूत है। यह सदा कुछ न कुछ करता रहता है एक पल भी खाली बिठाना चाहो तो खाने को दौड़ता है। प्रभु ही बाँस है। प्रभु पर भजन सिमरन का अभ्यास ही बाँस पर चढ़ना उतरना है। आप भी ऐसा ही करें। जब आवश्यकता हो मन से काम ले लें जब काम न रहे तो प्रभु के नाम जपने लगो तब आप भी सुख से रहने लगेंगे।
यह भी जानें

Prerak-kahani Bhoot Prerak-kahaniSant Prerak-kahaniSeth Prerak-kahaniGhost Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

तुलसीदास जी कुटिया पर श्री राम लक्षमण का पहरा - सत्य कथा

उन वीर पाहरेदारों की सावधानी देखकर चोर बडे प्रभावित हुए और उनके दर्शन से उनकी बुद्धि शुद्ध हो गयी।

शिशु प्रेम लेकर तो आता है - प्रेरक कहानी

भाषा के शब्द भी प्रतीक हैं, हाव-भाव या चित्र भी प्रतीक हैं। किस चीज के प्रतीक? ऑडियो-विजुअल माध्यमों (पुस्तकों, प्रवचनों, चित्रों या चलचित्रों) द्वारा हम जो कुछ भी सिखाते हैं..

छोटी सी गौरैया का श्रीकृष्ण पर विश्वास - प्रेरक कहानी

भगवन बोले: अपने घोंसले में तीन सप्ताह के लिए भोजन का संग्रह करो। आइये हम भी तब तक इस घंटी के नीचे विश्राम करे जब तक ये हमारे लिए उठाई ना जाये...

आचरण बड़ा या ज्ञान? - प्रेरक कहानी

राजपुरोहित ने फिर से रत्न चुरा लिए। बात राजा तक पहुंचीं और राजा ने जांच कराई, तथा राजपुरोहित की सच्चाई सामने आईं।..

देवशिशु ने जगायी सदबुद्धि - प्रेरक कहानी

यह घटना १९९० की है, जब मैं परम वन्दनीया माताजी से दीक्षा लेकर पहली बार नवरात्रि अनुष्ठान में था। इससे पहले कि मैं घटना का जिक्र करूँ...

अहंकार के कारण जीवन से ही गया - प्रेरक कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार रहता था। वह ऐसी मूर्तियाँ बनाता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के जीवित होने का भ्रम हो जाता था। बेजान मूर्तियाँ बोला नहीं करती..

मृत्यु एक अटल सत्य हैं - प्रेरक कहानी

कृष्ण ने कहा: तुम्हे! किसी एक घर से मुट्ठी भर ज्वार लानी होगी और ध्यान रखना होगा कि उस परिवार में कभी किसी की मृत्यु न हुई हो..

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP