बालाजी तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ: भजन (Balaji Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rjhane Aaya Hun)


बालाजी तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
प्रभु का चरणामृत लेने को,
है पास मेरे कोई पात्र नहीं,
प्रभु का चरणामृत लेने को,
है पास मेरे कोई पात्र नहीं,
आँखों के दोनों प्यालों से,
कुछ भीख मांगने आया हूँ,
बाला जी तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥

तुमसे लेकर क्या भेंट धरूँ,
बालाजी तुम्हारे चरणो में,
तुमसे लेकर क्या भेंट धरूँ,
बालाजी तुम्हारे चरणो में,
मैं सेवक हूँ तुम दाता हो,
संबंध बताने आया हूँ,
बाला जी तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥

सेवा की कोई वस्तु नहीं,
फिर भी मेरा साहस देखो,
सेवा की कोई वस्तु नहीं,
फिर भी मेरा साहस देखो,
रो रो कर आज आंसुओ का,
मैं हार चढाने आया हूँ,
बाला जी तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥

बालाजी तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
Balaji Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rjhane Aaya Hun - Read in English
Balaji Tumhare Charanon Main, Main Tumhai Rijhane Aaya Hun ॥
Bhajan Hanuman BhajanBalaji BhajanBajrangbali BhajanHanuman Janmotsav BhajanHanuman Jyanti BhajanMangalwar BhajanTuesday BhajanHanuman Path BhajanSundar Kand Path Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

राम दशरथ के घर जन्मे - भजन

राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो, घराना हो तो ऐसा हो, लोग दर्शन को चल आये, सुहाना हो तो ऐसा हो, राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो ॥

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते - भजन

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, मंगलमय भगवान, जय हनुमान, जय हनुमान..

तन रंगा मेरा मन रंगा - भजन

तन रंगा मेरा मन रंगा, इस रंग में अंग अंग रंगा, सीता जी के रंग में, राम जी रंग में, राधेश्याम जी रंग में, तन रंगा मेंरा मन रंगा, इस रंग में अंग अंग रंगा ॥

सब तेरे है संतान, बजरंगबली हनुमान: भजन

सब तेरे है संतान, बजरंगबली हनुमान ॥

श्रृंगार सिंदूरी, छवि बाला की पूरी: भजन

श्रृंगार सिंदूरी, छवि बाला की पूरी, तुम्हे देखकर, देखता रह गया, जब दी मुझे तुमने, दर्शन की मंजूरी, झुका सर मेरा,
तो झुका रह गया ॥