Shri Ram Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ - भजन (Bhajan: Ganga Behti Ho Kiyon)


ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ - भजन
[बिस्तिर्नो पारोरे, अशंख्य जोनोरे
हाहाकार खुनिऊ निशोब्दे निरोबे
बुढ़ा लुइत तुमि, बुढ़ा लुइत बुआ कियो? ] - असमिया में
विस्तार है आपार, प्रजा दोनों पार
करे हाहाकार निःशब्द सदा
ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?

विस्तार है आपार, प्रजा दोनों पार
करे हाहाकार निःशब्द सदा
ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?

नैतिकता नष्ट हुई, मानवता भ्रष्ट हुई
निर्लज्ज भाव से बहती हो क्यूँ ?
इतिहास की पुकार, करे हुंकार
ओ गंगा की धार, निर्बल जन को
सबल-संग्रामी, समग्रोगामी
बनाती नहीं हो क्यूँ ?
॥ विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार..॥

अनपढ़ जन, अक्षरहिन
अनगीन जन, खाद्यविहीन
नेत्रविहीन दिक्षमौन हो क्यूँ ?

इतिहास की पुकार, करे हुंकार
ओ गंगा की धार, निर्बल जन को
सबल-संग्रामी, समग्रोगामी
बनाती नहीं हो क्यूँ ?
॥ विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार..॥

व्यक्ति रहे व्यक्ति केंद्रित
सकल समाज व्यक्तित्व रहित
निष्प्राण समाज को छोड़ती न क्यूँ ?

इतिहास की पुकार, करे हुंकार
ओ गंगा की धार, निर्बल जन को
सबल-संग्रामी, समग्रोगामी
बनाती नहीं हो क्यूँ ?
॥ विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार..॥

रुदस्विनी क्यूँ न रहीं ?
तुम निश्चय चितन नहीं
प्राणों में प्रेरणा देती न क्यूँ ?
उनमद अवमी कुरुक्षेत्रग्रमी
गंगे जननी, नव भारत में
भीष्मरूपी सुतसमरजयी जनती नहीं हो क्यूँ ?
॥ विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार..॥

विस्तार है अपार, प्रजा दोनों पार
करे हाहाकार, निःशब्द सदा
ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?

ओ गंगा तुम, ओ गंगा तुम
गंगा तुम, ओ गंगा तुम
गंगा… बहती हो क्यूँ ?

-भूपेन हजारिका

Bhajan: Ganga Behti Ho Kiyon in English

Kare Hahakar, Nihshabd Sada O Ganga Tum, Ganga Bahati Ho Kyun?
यह भी जानें

Bhajan Maa Ganga BhajanShri Ganga BhajanGanga Dussehra BhajanGanga Snaan BhajanGanga Saptami BhajanBhupen Hazarika BhajanBharat Ratna Bhajan

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

जगत के रंग क्या देखूं - भजन

जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है। क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है...

जो भजे हरि को सदा - भजन

जो भजे हरि को सदा, सोहि परम पद पायेगा, देह के माला..

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा - भजन

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा दिल मेरा घबराये, काले काले बादल..

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत - भजन

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत, भक्तों को यूँ सताने की, भक्तों को यूँ सताने की, अच्छी नहीं है आदत ॥

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो - भजन

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो ॥

भजन: तुम रूठे रहो मोहन

तुम रूठे रहो मोहन, हम तुम्हे मना लेंगे, आहों मे असर होगा, घर बैठे बुला लेंगे..

मेरो बांके बिहारी अनमोल रसिया: भजन

मेरो बांके बिहारी अनमोल रसिया, मेरो कुंज बिहारी अनमोल रसिया, हो रसबसिया हो रंगरसिया, ओ मेरे मन बसिया, मेरो बाँके बिहारी अनमोल रसिया, मेरो कुंज बिहारी अनमोल रसिया ॥

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP