आज अवध में खुशिया छाई, जन्मे हैं देखो रघुराई , राम, लखन, भरत, शत्रुधन, जन्मे हैं देखो चार भाई..
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
जन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, भागवत कथा, गीता पाठ, कीर्तन, भजन संध्या मे प्रसिद्ध श्री कृष्ण भजन..
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली । कृष्ण नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली ।
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी, केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन, केकरा के भरत भुवाल ए सखी..
रघुनंदन आज मोरे अंगना, तोरी बांट निहारू चले आओ, संग में लाओ सीता मैया, संग में लाओ लक्ष्मण भैया, हनुमान जति को ले आना, रघुनंदन आज मोरे हे वंदना
आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो, मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो, मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥