श्याम खाटू वाले से,
मेरी पहचान हो गई,
मुश्किल बड़ी थी मेरी,
मंजिल आसान हो गई,
श्याम खाटू वालें से,
मेरी पहचान हो गई ॥
जो हार के दर पे आया,
बाबा की शरण वो पाया,
इनका शुकर मनाये हम,
दर पे सर झुकाए हम
देखके इनकी दातारी,
मैं हैरान हो गई,
श्याम खाटू वालें से,
मेरी पहचान हो गई ॥
पिछले जनम के अच्छे करम,
हो गया अपना श्याम मिलन,
भक्तों के अरमा मचले,
ख़ुशी के आंसू निकले,
इनकी दया से अपनी,
आन बान शान हो गई,
श्याम खाटू वालें से,
मेरी पहचान हो गई ॥
इनका सर पे हाथ रहे,
हर पल इनका साथ रहे,
प्रेम का धागा टूटे ना,
बाबा हमसे रूठे ना,
‘चोखानी’ कहे ‘अंजलि’ तेरी,
थोड़ी पहचान हो गई,
श्याम खाटू वालें से,
मेरी पहचान हो गई ॥
श्याम खाटू वाले से,
मेरी पहचान हो गई,
मुश्किल बड़ी थी मेरी,
मंजिल आसान हो गई,
श्याम खाटू वालें से,
मेरी पहचान हो गई ॥
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