तेरे दरबार को यूँ सजाता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूँ ॥
बैठ तस्वीर तेरी के मैं सामने,
मैं रिझाऊं तुझे,
कुछ तेरी सुनु कुछ अपने भी,
दिल की सुनाऊँ तुझे,
हाल ए दिल के ज़ख़्म,
मैं दिखाता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूँ ॥
एक तू ही तो है जो सब जानता,
क्या है दिल में मेरे,
दूर तूने किया तो मैं जी ना सकूंगा,
एक पल भी तेरे,
ज़िन्दगी तेरे दर पे,
बिताता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूँ ॥
तेरा मेरा ये रिश्ता सदा सांवरे,
यूँ ही चलता रहे,
‘राधे’ को प्यार तेरा सदा सांवरे,
यूँ ही मिलता रहे,
तुझको भजनो से,
अपने रिझाता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूँ ॥
तेरे दरबार को यूँ सजाता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूं,
तू बुलाता रहे और मैं आता रहूँ ॥
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