Shri Krishna Bhajan

राम बारात आगरा (Ram Barat Agra)

राम बारात जुलूस 17 सितंबर से शुरू होगा, जो कमला नगर में चार दिवसीय जनकपुरी महोत्सव का शुभारंभ होगा। यह आयोजन उत्तर भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाएगा। इस महोत्सव में राम बारात का आयोजन होगा, जिसके बाद 17 से 20 सितंबर तक कई कार्यक्रम होंगे, जिनमें भगवान राम और सीता के विवाह का चित्रण भी शामिल है।
राम बारात का इतिहास
कहा जाता है कि राम बारात का इतिहास लगभग 125 साल पुराना है, जब एक प्रतिष्ठित व्यवसायी लाला कोकमल ने शाही विवाह के इर्द-गिर्द तीन दिनों के उत्सव की परंपरा शुरू की थी। इस महोत्सव पर उनका इतना गहरा प्रभाव रहा है कि जिस सड़क से बारात निकलती है, उसका नाम 'लाला कोकमल मार्ग' रखा गया है। अब लाला कोकमल के परपोते राजीव के. अग्रवाल भी इस आयोजन में अपना समय देने लगे हैं।

राम बारात 2025 का सारांश इस प्रकार है:
❀ राम बारात / जनकपुरी महोत्सव 2025, 17-20 सितंबर 2025 को आयोजित होने वाला है।
❀ राम बारात का जुलूस 17 सितंबर को शुरू होगा और अगले तीन दिनों (18-20 सितंबर) में जनक महल में राम और सीता के विवाह जैसे समारोह आयोजित किए जाएँगे।
❀ इस बार आयोजन स्थल आगरा के कमला नगर स्थित जनकपुरी है।

चार दिनों की सामान्य संरचना इस प्रकार है:
❀ 17 सितंबर: श्री राम बारात शोभायात्रा शुरू; सीता का "डोला" (कुछ प्रतीकात्मक अनुष्ठान) क्षेत्र के चारों ओर; शोभायात्रा जनकपुरी की ओर।
❀ 18-20 सितंबर: भगवान राम और माता सीता का विवाह समारोह; जनक महल में दर्शन और आरती; लोगों का जमावड़ा; सांस्कृतिक/धार्मिक कार्यक्रम।
❀ 17 सितंबर की दोपहर से 18 सितंबर तक शोभायात्रा वाले मार्गों पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।

राम बारात का अन्य महत्वपूर्ण विवरण
❀ शोभायात्रा का समय: पहले दिन दोपहर (लगभग 2:00 बजे) शोभायात्रा (बारात) शुरू होगी।
❀ मुरादाबाद की प्रसिद्ध मंडली (पंकज अग्रवाल का समूह) द्वारा रामलीला का प्रदर्शन, जो अयोध्या में भी प्रस्तुति दे चुकी है।
❀ इसकी एक विशेष विशेषता "द्वादश ज्योतिर्लिंग" की झाँकियाँ होंगी जो आकर्षण का केंद्र होंगी।
❀ इस आयोजन के लिए बनाई गई "लंका" तीन मंजिला होगी, जो एक प्रमुख सजावटी आकर्षण होगी।

यह उत्सव तीन दिनों तक चलेगा। इसे आगरा के साथ-साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश के पड़ोसी जिलों से आने वाले लाखों लोग देखते हैं। पूरा इलाका हज़ारों दीपों से जगमगाता है और लगातार संगीत बजता रहता है। इन तीन दिनों को एक बड़े उत्सव के रूप में देखा जा सकता है जहाँ सभी वर्गों के लोग एक साथ मिलकर अच्छा समय बिताते हैं।

Ram Barat Agra in English

The Ram Barat procession will begin on September 17, marking the beginning of the four-day Janakpuri Festival in Kamla Nagar, Agra.
यह भी जानें

Blogs Ram Barat Agra BlogsNavratri BlogsDurga Puja BlogsMaa Durga BlogsRam Vivah BlogsAgra BlogsRam Navami Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

ब्लॉग ›

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

गंडमूल क्या है?

गंडमूल (जिसे गंडमूल या गंडान्त नक्षत्र भी लिखा जाता है) वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो कुछ जन्म नक्षत्रों को संदर्भित करता है, जिनके बारे में माना जाता है कि यदि उन्हें अनुष्ठानों द्वारा ठीक से प्रसन्न नहीं किया जाता है, तो वे व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ या कर्म संबंधी चुनौतियाँ पैदा करते हैं।

दण्डी सन्यासी का क्या अर्थ है?

डंडा का अर्थ संस्कृत में छड़ी या बेंत होता है और इस छड़ी को रखने वाले सन्यासी को दंडी सन्यासी कहा जाता है। देश में संतों के एक महत्वपूर्ण संप्रदाय दंडी सन्यासियों का दावा है कि शंकराचार्य उन्हीं में से चुने गए हैं।

पूजा की बत्ती बनाने की विधि

पूजा की बत्ती बनाने की विधि | रुई से बत्ती कैसे बनाये? | रुई से बत्ती बनाने की विधि

कार्तिक मास 2025

कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर और नवंबर में आता है। भारत के राष्ट्रीय नागरिक कैलेंडर में, कार्तिक वर्ष का आठवां महीना है।

रवि योग क्या है?

रवि योग तब बनता है जब सूर्य के नक्षत्र और चंद्रमा के नक्षत्र के बीच की दूरी 4वें, 6वें, 8वें, 9वें, 12वें या 14वें नक्षत्र के अलावा कुछ भी हो।

शिवलिंग पर बेलपत्र कैसे चढ़ाएं?

शिवलिंग पर बेलपत्र (बिल्व पत्र) चढ़ाते समय, हिंदू धर्मग्रंथों और पारंपरिक पूजा पद्धतियों के अनुसार, इसे एक विशिष्ट विधि से अर्पित किया जाना चाहिए।

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP