नवरात्रि 2024 की तारीखें Navratri 2024 Dates |
||||
---|---|---|---|---|
दिन | तिथि | नवरात्रि में देवी के नाम | रँग | |
3 अक्टूबर | प्रतिपदा | घटस्थापना, माता शैलपुत्री पूजा, अग्रसेन जयंती | पीला | |
4 अक्टूबर | द्वितीया | माता ब्रह्मचारिणी पूजा | हरा | |
5 अक्टूबर | तृतीया | माता चंद्रघंटा पूजा, सिन्दूर तृतीया | स्लेटी | |
6 अक्टूबर | तृतीया | - | नारंगी | |
7 अक्टूबर | चतुर्थी | माता कुष्मांडा पूजा | सफ़ेद | |
8 अक्टूबर | पंचमी | माता स्कंद माता पूजा, ललिता पञ्चमी | दुर्गा पूजा (बिल्व निमन्त्रण) | लाल | |
9 अक्टूबर | षष्ठी | माता कात्यायनी पूजा | दुर्गा पूजा (कल्पारम्भ, अकाल बोधन) | गहरा नीला | |
10 अक्टूबर | सप्तमी | माता कालरात्रि पूजा, सरस्वती पूजा | दुर्गा पूजा (नवपत्रिका पूजा, कलाबोऊ पूजा) | गुलाबी | |
11 अक्टूबर | अष्टमी | महा गौरी पूजा, माता सिद्धिदात्री पूजा, नवमी हवन | दुर्गा पूजा (दुर्गा अष्टमी, कुमारी पूजा, सन्धि पूजा, महा नवमी) | बैंगनी | |
12 अक्टूबर | नवमी | विजयदशमी, नवरात्रि व्रत समाप्त | दुर्गा पूजा (बंगाल महा नवमी, दुर्गा बलिदान, नवमी हवन, दुर्गा विसर्जन) | - | |
13 अक्टूबर | दशमी | दुर्गा पूजा (बंगाल विजयादशमी, बंगाल दुर्गा विसर्जन, सिन्दूर उत्सव) | - |
देवी भागवत में नवरात्रि के प्रारंभ व समापन के वार अनुसार माताजी के आगमन प्रस्थान के वाहन इस प्रकार बताए गए हैं।
आगमन वाहन:
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता ॥
देवीभाग्वत पुराण के इस श्लोक में बताया गया है कि माता का वाहन क्या होगा यह दिन के अनुसार तय होता है। अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो रहा है तो माता का आगमन हाथी पर होगा। शनिवार और मंगलवार को माता का आगमन होने पर उनका वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार और शुक्रवार को आगमन होने पर माता डोली में आती हैं जबकि बुधवार को नवरात्र का आरंभ होने पर माता का वहन नाव होता है।
प्रस्थान वाहन:
देवीभाग्वत पुराण में बताया गया है कि
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा,
शनि भौमदिने यदि सा विजया
चरणायुध यानि करी विकला ।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया
गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा,
सुरराजगुरौ यदि सा विजया
नरवाहन गा शुभ सौख्य करा ॥
इस श्लोक से स्पष्ट है कि इस वर्ष माता पैदल जा रही हैं। इसकी वजह यह है कि विजयादशमी मंगलवार को है। मंगल और शनिवार के दिन विदाई होने पर माता किसी भी वाहन पर नहीं जाती हैं।
साधक भाई बहन जो ब्राह्मण द्वारा पूजन करवाने में असमर्थ है एवं जो सामर्थ्यवान होने पर भी समयाभाव के कारण पूजा नही कर पाते उनके लिये पंचोपचार विधि द्वारा सम्पूर्ण पूजन विधि बताई जा रही है आशा है आप सभी साधक इसका लाभ उठाकर माता के कृपा पात्र बनेंगे।
घट स्थापना एवं दुर्गा पूजन की सामग्री:
❀ जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र। यह वेदी कहलाती है।
❀ जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी जिसमे कंकर आदि ना हो।
❀ पात्र में बोने के लिए जौ ( गेहूं भी ले सकते है )
❀ घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश ( सोने, चांदी या तांबे का कलश भी ले सकते है )
❀ कलश में भरने के लिए शुद्ध जल
❀ नर्मदा या गंगाजल या फिर अन्य साफ जल
❀ रोली, मौली
❀ इत्र, पूजा में काम आने वाली साबुत सुपारी, दूर्वा, कलश में रखने के लिए सिक्का ( किसी भी प्रकार का कुछ लोग चांदी या सोने का सिक्का भी रखते है )
❀ पंचरत्न ( हीरा , नीलम , पन्ना , माणक और मोती )
❀ पीपल , बरगद , जामुन , अशोक और आम के पत्ते ( सभी ना मिल पायें तो कोई भी दो प्रकार के पत्ते ले सकते है )
❀ कलश ढकने के लिए ढक्कन ( मिट्टी का या तांबे का )
❀ ढक्कन में रखने के लिए साबुत चावल
❀ नारियल, लाल कपडा, फूल माला
❀ फल तथा मिठाई, दीपक , धूप , अगरबत्ती
दुर्गा पूजन सामग्री:
पंचमेवा पंचमिठाई रूई कलावा, रोली, सिंदूर, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, 5 सुपारी, लौंग, पान के पत्ते 5, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत ( दूध, दही, घी, शहद, शर्करा ), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी की गांठ, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदन, श्रीखंड चंदन, जौ, तिल, माँ की प्रतिमा, आभूषण व श्रृंगार का सामान, फूल माला।
Blogs Maa Durga BlogsMata BlogsNavratri BlogsNavratri 2024 BlogsMaa Sherawali BlogsDurga Puja BlogsGupt Navratri BlogsShardiya Navratri BlogsNavratri Special BlogsNavratri Festival BlogsGarba BlogsNavratri Fever BlogsNavratri Garba BlogsNavratri Vibes BlogsNavratri Utsav BlogsDandiya BlogsDurga BlogsGarba Night BlogsNavratri Food Blogs Blogs
शारदीय नवरात्रि 2020 - Dr. Pawan Sinha Guruji
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।