Shri Hanuman Bhajan

श्री दंदरौआ हनुमान चालीसा (Dandraua Hanuman Chalisa)


Add To Favorites Change Font Size
जय -जय -जय हनुमान कृपाला,
करो सदा संतन प्रतिपाला ॥
मंगल ,शनि को जो कोई जावै,
चोला तुम्हरे अंग चढ़ावै ॥

रीझो तुम जो अधिक सदाई,
मन इच्छा पूरण हो जय ॥

भक्तन हित कलयुग के राजा,
राम प्रताप तिलक तुम राजा ॥

राम भक्ति अग्रणी हमेशा,
सुमिरत तुमको मिटै कलेशा ॥

राम सदा वश में कर राखे,
हिरदय फार बताई राखे ॥

सोई यह मंदिर पर है राजे,
सौ फुट जाकी शिखर बिराजे ॥

राम जानकी लखन सुहाए,
दर्शन से पातक मिट जाये ॥

हनुमत मंदिर विलग सुहाई,
भूरि भब्यता सब मन भाई ॥

चमत्कार अपनों दिखलावे,
फोड़ा फुन्शी तुरत मिटावै ॥१०॥

कैंसर हो ,कैसी बीमारी,
भागत दूर भक्ति बलिहारी ॥

सुनकै नाम भक्त जन आवै,
मनोकामना पूरी पावै ॥

जय -जय -जय कह मुख ते बोलें,
आनंदमग्न मुदित हो डोलें ॥

भोले बाबा हू चल आये,
मंदिर तिनको विलग सुहाए ॥

पारवती है पुत्र समेता,
नन्दीगढ़ सह बसै निकेता ॥

निरख भक्त जय -जय मुख बोले,
तिन संग करते आप किलोलें ॥

सिंह वाहिनी दुर्गा माता,
सकल मनोरथ की है दाता ॥

मंदिर में है सोभा पाती,
अस्तभुजी स्वरुप दिखलाती ॥

निज भक्तन के काज बनाती,
जग जननी माता कहलाती ॥

थोड़े में ही खुश हो जाती,
भक्तन के मन सदा सुहाती ॥२०॥

भाई दयाल खेल के ऊपर,
स्वर्ग बनाया है लामू पर ॥

मध्य पीपल का बृच्छ सुहाए,
तैतिष कोटि देव सुख पावै ॥

ब्रह्मा जाकी जड़ बन आये,
त्वचा रूप विष्णू दर्शाये ॥

शंकर साखा रूप कहावै,
पत्र -पत्र सुर वाषा पावै ॥

नमो -नमो महिमा जग छाई,
पूजन ते नाना फल पाई ॥

यज्ञ भवन की सोभा न्यारी,
करत हवन तहँ जनता सारी ॥

ऐसो सुन्दर थल सुखदाई,
निरखत गद -गद तन हो जाई ॥

संस्क़ृतभाषा का विद्यालय,
वेद -ज्ञान का है देवालय ॥

ध्वनि सुन तिनकी देव विमोहे,
भाषा देव जगत जन जोहे ॥

गौ माता है सब सुख दाता,
भारत माँ से जिनका नाता॥३०॥

पालन -पोषण सबन सुहाई,
गौशाला सोई यहाँ बनाई ॥

दंदरौआ धाम सुहावै,
यश सुन जग जन दौरे आवै ॥

मनोकामना पूरण पावै,
आप सबै चरनन सिर नावै ॥

राज भोग भंडार लगावै,
साधू संत प्रसादी पावै ॥

पुरुसोत्तम बाबा मन भाई,
जिनकी कृपा महंती पाई ॥

रामदास जी अब अधिकारी,
बलिहारी जय -जय बलिहारी ॥

जिला भिंड में धाम सुहाए,
दतिया ग्वालियर निकट बतावै ॥

मौ - मेहंगांव सड़क में आवै,
मंदिर तक वाहन सब जावै ॥

एक मील तंह से है दूरी,
मोटर सड़क पहुँच गई रूरी ॥

यह चालीशा उन्हें सुनावै,
दंदरौआ धाम सुहावै ॥४०॥
यह भी जानें

Chalisa Dandraua Hanuman ChalisaBalaji ChalisaBajrangbali ChalisaShri Balaji ChalisaHanuman Jayanti Chalisa

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

गणेश चालीसा

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा लिरिक्स | जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

शिव चालीसा

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

शनि चालीसा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

गंगा चालीसा

जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥ जय भगीरथी सुरसरि माता।

बटुक भैरव चालीसा

जय जय श्रीकाली के लाला रहो दास पर सदा दयाला, भैरव भीषण भीम कपाली क्रोधवन्त लोचन में लाली

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Bhakti Bharat APP