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भगवान हरिहरपुत्र अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् (Bhagwan Hariharaputra Ashtottarshatnam Stotram)


ॐ। महाशास्ता विश्वशास्ता लोकशास्ता तथैव च।
धर्मशास्ता वेदशास्ता कालशस्ता गजाधिपः॥1॥
गजारूढो गणाध्यक्षो व्याघ्रारूढो महद्युतिः।
गोप्तागीर्वाणसंसेव्यो गतातङ्को गणाग्रणीः॥2॥

ऋग्वेदरूपो नक्षत्रं चन्द्ररूपो बलाहकः।
दूर्वाश्यामो महारूपः क्रूरदृष्टिरनामयः॥3॥

त्रिनेत्र उत्पलकरः कालहन्ता नराधिपः।
खण्डेन्दुमौळितनयः कल्हारकुसुमप्रियः॥4॥

मदनो माधवसुतो मन्दारकुसुमर्चितः।
महाबलो महोत्साहो महापापविनाशनः॥5॥

महाशूरो महाधीरो महासर्पविभूषणः।
असिहस्तः शरधरो हालाहलधरात्मजः॥6॥

अर्जुनेशोऽग्निनयनश्चानङ्गमदनातुरः।
दुष्टग्रहाधिपः श्रीदः शिष्टरक्षणदीक्षितः॥7॥

कस्तूरीतिलको राजशेखरो राजसत्तमः।
राजराजार्चितो विष्णुपुत्रो वनजनाधिपः॥8॥

वर्चस्करोवररुचिर्वरदो वायुवाहनः।
वज्रकायः खड्गपाणिर्वज्रहस्तो बलोद्धतः॥9॥

त्रिलोकज्ञश्चातिबलः पुष्कलो वृत्तपावनः।
पूर्णाधवः पुष्कलेशः पाशहस्तो भयापहः॥10॥

फट्काररूपः पापघ्नः पाषण्डरुधिराशनः।
पञ्चपाण्डवसन्त्राता परपञ्चाक्षराश्रितः॥11॥

पञ्चवक्त्रसुतः पूज्यः पण्डितः परमेश्वरः।
भवतापप्रशमनो भक्ताभीष्टप्रदायकः॥12॥

कविः कवीनामधिपः कृपाळुः क्लेशनाशनः।
समोऽरूपश्च सेनानिर्भक्तसम्पत्प्रदायकः॥13॥

व्याघ्रचर्मधरः शूली कपाली वेणुवादनः।
कम्बुकण्ठः कलरवः किरीटादिविभूषणः॥14॥

धूर्जटिर्वीरनिलयो वीरो वीरेन्दुवन्दितः।
विश्वरूपो वृषपतिर्विविधार्थफलप्रदः॥15॥

दीर्घनासो महाबाहुश्चतुर्बाहुर्जटाधरः।
सनकादिमुनिश्रेष्ठस्तुत्यो हरिहरात्मज॥16॥

॥ इति श्री हरिहरपुत्राष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

Bhagwan Hariharaputra Ashtottarshatnam Stotram in English

Om। Mahashasta Vishvashasta Lokashasta Tathaiva Cha।, Dharmashasta Vedashasta Kalashasta Gajadhipah॥1॥
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