Download Bhakti Bharat APP

मंत्र: निर्वाण षट्कम (Nirvana Shatakam)


मंत्र: निर्वाण षट्कम
Add To Favorites Change Font Size
मनो-बुद्धि-अहंकार चित्तादि नाहं
न च श्रोत्र-जिह्वे न च घ्राण-नेत्रे ।
न च व्योम-भूमी न तेजो न वायु
चिदानंद-रूपं शिवो-हं शिवो-हं ॥ १॥
न च प्राण-संज्ञो न वै पञ्च-वायु:
न वा सप्त-धातुर्न वा पञ्च-कोष: ।
न वाक्-पाणी-पादौ न चोपस्थ पायु:
चिदानंद-रूपं शिवो-हं शिवो-हं ॥ २ ॥

न मे द्वेष-रागौ न मे लोभ-मोहौ
मदे नैव मे नैव मात्सर्य-भाव: ।
न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्ष:
चिदानंद-रूपं शिवो-हं शिवो-हं ॥ ३ ॥

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खं
न मंत्रो न तीर्थं न वेदा न यज्ञा: ।
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता
चिदानंद-रूपं शिवो-हं शिवो-हं ॥ ४ ॥

न मे मृत्यु न मे जातिभेद:
पिता नैव मे नैव माता न जन्मो ।
न बन्धुर्न मित्र: गुरुर्नैव शिष्य:
चिदानंद-रूपं शिवो-हं शिवो-हं ॥ ५॥

अहं निर्विकल्पो निराकार रूपो
विभुत्त्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणां ।
सदा मे समत्त्वं न मुक्तिर्न बंध:
चिदानंद रूपं शिवो-हं शिवो-हं॥ ६॥

मंत्र का हिन्दी रूपांतरण भजन: ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
यह भी जानें
मंत्र का मूल रूप

मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥

न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥3॥

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥4॥

न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म:
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥5॥

अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥

Mantra Nirvana MantraShiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya MantraAdi Shankaracharya Mantra

अन्य प्रसिद्ध मंत्र: निर्वाण षट्कम वीडियो

माधवी मधुकरी

ईशा सद्गुरु

ऐश्वर्या श्रीनिवास

परम शैव पं. मृत्युंजय हिरेमठ जी

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

गजाननं भूत गणादि सेवितं - गणेश मंत्र

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकम्...

मंत्र पुष्पांजलि - ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त

पुष्पांजलि का अर्थ है फूलों से भरी हुई अंजलि जो किसी देवता अथवा महापुरुष को अर्पित की जाती है।

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं...

नामावलि: श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि

श्री गणेश के 108 नाम और उनसे जुड़े मंत्र। गजानन- ॐ गजाननाय नमः। गणाध्यक्ष- ॐ गणाध्यक्षाय नमः...

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

पार्वती वल्लभा अष्टकम्

नमो भूथ नाधम नमो देव देवं, नाम कला कालं नमो दिव्य थेजं, नाम काम असमं, नाम संथ शीलं...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Bhakti Bharat APP