Download Bhakti Bharat APP

श्री शिव गायत्री मन्त्र (Shri Shiv Gayatri Mantra)


श्री शिव गायत्री मन्त्र
शिव गायत्री मन्त्र भगवान शिव को समर्पित गायत्री मन्त्र है। हिन्दु धर्म में गायत्री मन्त्र को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। धर्मग्रन्थों में विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित गायत्री मन्त्र वर्णित किये गये हैं, जिनमें से शिव गायत्री मन्त्र भी एक अत्यन्त विशेष महत्वपूर्ण मन्त्र है।
शिव गायत्री मन्त्र का जाप करने से मन निर्मल होता है तथा भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। शिव गायत्री मन्त्र ऊर्जा का भण्डार है तथा शिवभक्त इस मन्त्र का जाप यन्त्र साधना में भी करते हैं।

॥ भगवान शिव गायत्री मन्त्र ॥
ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि।
तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥

मन्त्र का अनुवाद
हे देवों के देव महादेव! आप सर्वव्यापी हैं, हे साक्षात् रुद्र! हे संहारकर्ता!, हम आपका ध्यान करते हैं तथा सद्बुद्धि की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करते हैं। हे परम पवित्र शिव! हमारे अन्तर्मन को अपने आत्मतेज रूपी प्रकाश से प्रकाशित करें।

ॐ - भगवान शिव का बीज मन्त्र।
महादेवाय - हे देवों के देव महादेव।
विद्महे - आप सर्वव्यापी हैं।
रुद्रमूर्तये - जो स्वयं रुद्र स्वरूप हैं।
धीमहि - हम आपका ध्यान करते हैं।
तन्नः शिवः - हे परम पवित्र शिव।
प्रचोदयात् - हमारे अन्तर्मन को आत्मतेज रूपी प्रकाश से प्रकाशित करें।

Shri Shiv Gayatri Mantra in English

Om Mahadevaya Vidmahe Rudramurtaye Dhimahi।
यह भी जानें

Mantra Shiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraRudra Gayatri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री शिव गायत्री मन्त्र

ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि।

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

श्री रुद्राष्टकम्

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं...

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

विष्णु सहस्रनाम

भगवान श्री विष्णु के 1000 नाम! विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता...

श्रील प्रभुपाद प्रणति

नम ॐ विष्णु-पादाय कृष्ण-प्रेष्ठाय भूतले, श्रीमते भक्तिवेदांत-स्वामिन् इति नामिने ।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
×
Bhakti Bharat APP