Shri Krishna Bhajan

श्री गौरीशाष्टकम (Shri Gaurishashtakam)


श्री गौरीशाष्टकम
॥ श्री गौरीशाष्टकम ॥
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते।
जलभवदुस्तरजलधिसुतरणंध्येयं चित्ते शिवहरचरणम्।
अन्योपायं न हि न हि सत्यंगेयं शङ्कर शङ्कर नित्यम्।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥1॥

दारापत्यं क्षेत्रं वित्तंदेहं गेहं सर्वमनित्यम्।
इति परिभावय सर्वमसारंगर्भविकृत्या स्वप्नविचारम्।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥2॥

मलवैचित्ये पुनरावृत्ति:पुनरपि जननीजठरोत्पत्ति:।
पुनरप्याशाकुलितं जठरं किंनहि मुञ्चसि कथयेश्चित्तम्।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥3॥

मायाकल्पितमैन्द्रं जालं नहि तत्सत्यं दृष्टिविकारम्।
ज्ञाते तत्त्वे सर्वमसारं माकुरु मा कुरु विषयविचारम्।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥4॥

रज्जौ सर्पभ्रमणा-रोपस्तद्वद्ब्रह्मणि जगदारोप:।
मिथ्यामायामोहविकारंमनसि विचारय बारम्बारम्।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥5॥

अध्वरकोटीगङ्गागमनं कुरुतेयोगं चेन्द्रियदमनम्।
ज्ञानविहीन: सर्वमतेन नभवति मुक्तो जन्मशतेन।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥6॥

सोऽहं हंसो ब्रह्मैवाहंशुद्धानन्दस्तत्त्वपरोऽहम्।
अद्वैतोऽहं सङ्गविहीनेचेन्द्रिय आत्मनि निखिले लीने।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥7॥

शङ्करकिंङ्कर मा कुरु चिन्तांचिंतामणिना विरचितमेतत्।
य: सद्भक्त्या पठति हि नित्यंब्रह्मणि लीनो भवति हि सत्यम्।
भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥8॥

॥ इति श्रीचिन्तामणिविरचितं गौरीशाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

Shri Gaurishashtakam in English

Bhaja Gaurisham Bhaja GaurishamGaurisham Bhaja Mandamte। Jalabhavadustara-jaladhisutaranamDhyeyam Chitte Shivaharacharanam।
यह भी जानें

Mantra Shiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya Mantra

अन्य प्रसिद्ध श्री गौरीशाष्टकम वीडियो

Rishi Nitya Pragya Bhajan

Pujya Bhaishree Rameshbhai Ojha

Kailash Kher

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् नवरात्रि के दौरान माता रानी का सबसे ज्यादा सुना और पढ़ा जाने वाला संस्कृत श्लोक है

श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्

निशुम्भ शुम्भ गर्जनी, प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी । बनेरणे प्रकाशिनी, भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ त्रिशूल मुण्ड धारिणी..

श्री दुर्गा के 108 नाम

सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्य, त्रिनेत्र, शूलधारिणी...

जय दुर्गे जय दुर्गे: मंत्र

जय दुर्गे जय दुर्गे, महिषविमर्दिनी जय दुर्गे । जय दुर्गे जय दुर्गे,

श्री वेंकटेश्वर सुप्रभातम् - M.S.सुब्बुलक्ष्मी

कौसल्या सुप्रजा राम पूर्वासंध्या प्रवर्तते । उत्तिष्ठ नरशार्दूल कर्तव्यं दैवमाह्निकम् ॥ 1 ॥

विष्णु सहस्रनाम: M.S.Subbulakshmi

भगवान श्री विष्णु के 1000 नाम! विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता...

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - श्री विष्णु

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम...

Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP