Shri Hanuman Bhajan

छोटे से बीज में से वटवृक्ष बनता है - प्रेरक कहानी (Chote Se Beej Se Vatavrksh Banata Hai)


Add To Favorites Change Font Size
बात बहुत पुरानी है। एक महान संत के पास एक युवक आया और बोला: मुझे आपका शिष्य बनना है महाराज।
संत बोले: तुझे शिष्य क्यों बनना है।
युवक ने कहा: मुझे परमात्मा से प्रेम करना है
संत ने कहा: पहले मुझे बताओं कि क्या तुम्हें अपने घर के किसी व्यक्ति से प्रेम है?
युवक बोला: नहीं, मुझे किसी से भी प्रेम नहीं है।
संत ने पूछा: तुझे तेरे माता-पिता या भाई-बहन किस पर ज्यादा स्नेह आता है?
युवक ने नकारते हुए कहा: मुझे किसी से भी तनिक मात्र स्नेह नहीं है। पूरी दुनिया स्वार्थ परायण है, ये सब मिथ्या मायाजाल है। इसीलिए तो मैं आपकी शरण में आया हूं।
तब संत ने कहा: बेटा, मेरा और तेरा कोई मेल नहीं। तुझे जो चाहिए वह मैं नहीं दे सकता।

युवक यह सुन स्तब्ध रह गया। संत बोले: यदि तुझे तेरे परिवार से प्रेम होता, जिन्दगी में तूने तेरे निकट के लोगों में से किसी से भी स्नेह किया होता तो मैं उसे विशाल स्वरूप दे सकता था। थोड़ा भी प्रेमभाव होता, तो मैं उसे ही विशाल बना के परमात्मा के चरणों तक पहुंचा सकता था।

छोटे से बीज में से वटवृक्ष बनता है, परन्तु जो पत्थर जैसा कठोर हो उसमें से प्रेम का झरना कैसे बहा सकता हूं। परमात्मा को पाने का पहली शर्त ही कोमल हृदयी और प्रेमी होना है।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

दुर्लभ मनुष्य जीवन - प्रेरक कहानी

फिर उसने अपनी जेब में हाथ डाल कुछ सौ-सौ के नोट गिने। सामान्य कटोरे की भाँति समझ कर कौड़ियां इक्कट्ठे करने में लगे हुए हैं।..

कद्दू का तीर्थ स्नान - प्रेरक कहानी

वह कद्दू ले लिया, और जहाँ-जहाँ गए, स्नान किया वहाँ-वहाँ स्नान करवाया। मंदिर में जाकर दर्शन किया तो उसे भी दर्शन करवाया।...

ठाकुर जी सेवा में अहंकार नहीं विनम्रता रखें - प्रेरक कहानी

कमल किशोर सोने एवं हीरे-जवाहरात बनाने एवं बेचने का काम करता था। उसकी दुकान से बने हुए गहने दूर-दूर तक मशहूर थे।...

जो मुझ से प्रेम रखता है, जो सर्व-शक्तिशाली है - प्रेरक कहानी

मैंने श्राप कभी नहीं दीया, लेकिन कोई है जो मुझ से प्रेम रखता है! और वह इतना शक्तिशाली है कि दुनिया का बड़े से बड़ा राजा भी उसकी लाठी से डरता है...

खुद की मदद करें, भगवान भी तभी मदद करेंगे - प्रेरक कहानी

सन्यासी: तो फिर किस हक़ से तुम भगवान को दोष दे रहे हो, भगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करते हैं।

जब श्री कृष्ण बोले, मुझे कहीं छुपा लो - प्रेरक कहानी

एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ी।...

भक्त के अधीन भगवान - सदना कसाई की कहानी

एक कसाई था सदना। वह बहुत ईमानदार था, वो भगवान के नाम कीर्तन में मस्त रहता था। यहां तक की मांस को काटते-बेचते हुए भी वह भगवान नाम गुनगुनाता रहता था।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP