Shri Krishna Bhajan

गणेश चतुर्थी कथा (Ganesh Chaturthi Katha)


गणेश चतुर्थी कथा
Add To Favorites Change Font Size
अगस्त्य नाम के ऋषि थे वे समुद्र के किनारे कठोर व्रत कर रहे थे, वहाँ से कुछ दूरी पर एक पक्षी अपने अंडो को से रहा था। उसी समय समुद्र में तूफान सी लहरे उठने लगी पानी चढ़ने लगा और पानी अपने साथ अंडो को बहा ले गया, पक्षी बहुत दुःखी हुआ और उसने प्रतिज्ञा की कि मैं समुद्र के जल को समाप्त कर दूंगी और अपने चोंच में सागर के जल को भर भर कर फेंकने लगी ऐसा करते करते उसे काफी समय बित गया समुद्र का जल घटा ही नही।
वह दुःखी मन से अगस्त्य मुनि के पास गई और अपनी व्यथा सुना समुद्र को सुखाने की प्रार्थना की। अगस्त्य मुनि को चिन्ता हुई कि मैं कैसे समुद्र के जल को पी कर सुखा सकूंगा, तब अगस्त्य मुनि ने गणेश जी का स्मरण किया और संकटा चतुर्थी व्रत को पूरा किया। तीन मास व्रत करने से गणेश जी प्रसन्न हो गए और मुनि का मार्ग प्रशस्त किया चौथ व्रत की कृपा से अगस्त्य मुनि ने प्रेम से समुद्र को पी कर सुखा दिया और पक्षी की प्रतिज्ञा को पूरा किया।
यह भी जानें

Prerak-kahani Kartik Prerak-kahaniChaturthi Prerak-kahaniSankashti Chaturthi Prerak-kahaniGanesh Chaturthi Prerak-kahaniChaturthi Vrat Prerak-kahaniVrat Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

सतगुरु की कृपा से कैसे चोर राजा बना - प्रेरक कहानी

एक बार एक चोर ने गुरु से नाम ले लिया, और बोला गुरु जी चोरी तो मेरा काम है ये तो नहीं छूटेगी मेरे से अब गुरु जी बोले ठीक है म तुझे एक दूसरा नेम देता हुँ..

संस्कार क्या है? - प्रेरक कहानी

यह बात सुनकर बच्चे को राजा पर गुस्सा आया और माँ से बोला: माँ मैं इसका बदला लूंगा।

गेहूँ का दाना एक शिक्षक - प्रेरक कहानी

गेहूँ का दाना वह शिक्षक है जो मुझे सृष्टि के नियमों को सिखाता है, एक बार एक राजा युद्ध जीतकर लौट रहा था, तो वह संत के निवास के निकट जा पहुंचा। उसने इस रहस्यदर्शी संत के दर्शन करने की सोची। राजा ने संत के पास जाकर कहा..

जब तक दुख नहीं मिलते, प्रभु की याद नहीं आती - प्रेरक कहानी

फिर सुपरवाईजर ने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक १० रु का नोट नीचे फैंका, जो ठीक मजदूर के सामने जा कर गिरा..

बुरे समय में कृतज्ञता ना छोड़ें - प्रेरक कहानी

एक शिकारी ने शिकार पर तीर चलाया। तीर पर सबसे खतरनाक जहर लगा हुआ था।..

एक जोड़ी, पैरों के निशान? - प्रेरक कहानी

आपने तो कहा था. कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर ही दिखाई दिए...

गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन - सत्य कथा

तुलसीदास जी को भगवान् श्री कृष्ण का राम रूप में दर्शन देना | श्रीकृष्ण ने हाथ में धनुष-बाण ले लिया | श्री दशरथ जी का पुत्र, परम सुंदर उपमा रहित जानकार उनसे प्रेम करता था..

Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP