Shri Krishna Bhajan

बगलामुखी माता आरती (Bagalamukhi Mata Aarti)


बगलामुखी माता आरती
श्री बगलामुखी माता जी की आरती
जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरति करहुँ तुम्हारी ।
पीत वसन तन पर तव सोहै,
कुण्डल की छबि न्यारी ॥
कर-कमलों में मुद्गर धारै,
अस्तुति करहिं सकल नर-नारी ॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

चम्पक माल गले लहरावे,
सुर नर मुनि जय जयति उचारी ॥
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

पालत हरत सृजत तुम जग को,
सब जीवन की हो रखवारी ॥
मोह निशा में भ्रमत सकल जन,
करहु हृदय महँ, तुम उजियारी ॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही हो असुरारी ॥
सन्तन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण पियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

तव चरणन जो ध्यान लगावै,
ताको हो सब भव-भयहारी ॥
प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते नर मोक्षधाम अधिकारी ॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

॥ दोहा ॥
बगलामुखी की आरती,
पढ़ै सुनै जो कोय ।
विनती कुलपति मिश्र की,
सुख-सम्पति सब होय ॥

Bagalamukhi Mata Aarti in English

Shree Bagalamukhi Mata Jee Ki Aarati, Jay Jay Shri Bagalaamukhi Mata, Aarati Karahun Tumhaari ।
यह भी जानें

Aarti Baglamukhi AartiMaa Baglamukhi AartiGupt Navratri AartiNavratri AartiDurga Puja AartiBaglamukhi Jayanti AartiPitambara Aarti

अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस आरती को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

आरती ›

श्री गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥...

आरती: श्री शनिदेव - जय जय श्री शनिदेव

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय..॥

हनुमान आरती

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥..

सन्तोषी माता आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता..

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी - आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

ॐ जय जगदीश हरे आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP