आये नवरात्रे मैया, उपकार कीजिये: भजन (Aaye Navratre Maiya Upkar Kijiye)


अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये,
आये नवरात्रे मैया,
उपकार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥
माँ सिंह सवारी करके,
अब जल्दी से आ जाओ,
हर घर में ज्योतावाली,
खुशियों के दीप जलाओ,
हम दीनो पर,
ममता की बौछार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥

हम बालक मेहरावाली,
हमें अपने गले लगाओ,
परिवार पे हम बच्चो के,
अपनी ये मेहर बरसाओ,
मझधार पड़ी,
जो नैया वो भव पार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥

धन दौलत सोना चांदी,
महलों की चाह नहीं है,
हर पल सेवा मैं रहूं बस,
मेरे मन आस यही है,
इस ‘अमन’ की इतनी,
अर्ज़ी माँ स्वीकार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥

अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये,
आये नवरात्रे मैया,
उपकार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन
Aaye Navratre Maiya Upkar Kijiye - Read in English
Ab Karke Daya, Ham Baccho Ka Udhar Kijiye, Aye Navratre Maiya, Upkar Kijiye, Ab Karke Daya, Ham Baccho Ka Udhar Kijiye ॥
Bhajan Mata Rani BhajanNavratri BhajanMaa Sherawali BhajanDurga Puja BhajanJagran BhajanMata Ki Chauki BhajanGupt Navratri BhajanMaa Durga BhajanMata BhajanAshtami BhajanMahalaya BhajanAmbe BhajanMaa Jagdambe BhajanMata Ki Bhajan Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार - भजन

अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में, है जीत तुम्हारे हाथों में...

लो राम लाल हम आ गए: भजन

लो राम लाल हम आ गए, मंदिर भी वही बना गए, जो काम न कोई कर सका मोदी योगी करवा गए ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली - भजन

बजरंगबली मेरी नाव चली, करुना कर पार लगा देना। हे महावीरा हर लो पीरा..

धन्य वह घर ही है मंदिर, जहाँ होती है रामायण: भजन

धन्य वह घर ही है मंदिर, जहाँ होती है रामायण, जहाँ होती है रामायण, जहाँ होती है रामायण, धन्य वह घर ही हैं मंदिर,
जहाँ होती है रामायण ॥

हे आनंदघन मंगलभवन, नाथ अमंगलहारी: भजन

हे आनंदघन मंगलभवन, नाथ अमंगलहारी, हम आए शरण तुम्हारी, रघुवर कृपाल प्रभु प्रनतपाल, अब राखो लाज हमारी, हम आए शरण तुम्हारी, हे आनंद घन मंगल भवन, नाथ अमंगलहारी, हम आए शरण तुम्हारी ॥