लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
लोंग इलायची के बीड़ा लगाए,
चम्पा चमेली के हार बनाये,
लाल अनार चड़ाए रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
लाल गुलाल से लाल भये है,
लाल तुम्हारे निहाल भये है,
मैया के रंग रंग आये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
‘पदम्’ सुमर मैया तोरे जस गाये,
चरणों मे तोरे शीश झुकाये,
गीत सुमन बरसाए रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
दुर्गा चालीसा | 
आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | 
आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | 
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | 
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