तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥
बेटे तुम्हारे लाखों है मैया,
किसी का महल है,
किसी की है कुटिया,
तुम्हे एक जैसे,
लगते है सारे,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥
ना हिरे ना मोती ना,
जवाहरात है माँ,
ना ही अमीरों की,
यहाँ ठाठ है माँ,
मगर तेरा मंदिर है,
दिल में हमारे,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥
दिन रात तेरी,
सेवा करेंगे,
बिठाकर के पलकों में,
तुमको रखेंगे,
‘सोनू’ तुम्हारी बाट निहारें,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥
तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥
दुर्गा चालीसा |
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