मौसी माँ मंदिर, पुरी - Mausi Maa Temple, Puri

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण गंतव्य।
◉ माँ अर्धासिनी को समर्पित।
◉ देवी अर्धासिनी पुरी की संरक्षक के रूप में कार्य करतीं हैं।
मौसी माँ मंदिर, जिसे अर्धशिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, ओडिशा के पुरी के ग्रांड रोड पर स्थित एक छोटा लेकिन गहरा पूजनीय मंदिर है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का मंदिर है। यह मंदिर देवी अर्धशिनी को समर्पित है, जिन्हें प्यार से मौसीमा के नाम से जाना जाता है।

मौसीमाँ मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
❀ मौसीमाँ मंदिर में देवी अर्धाशिनी मुख्य मूर्ति हैं। देवी बिल्कुल देवी सुभद्रा जैसी दिखती हैं। किंवदंती है कि एक बार उन्होंने पुरी जगन्नाथ धाम को बाढ़ से बचाने के लिए समुद्र का आधा पानी निगल लिया था, जिससे उन्हें अर्धाशिनी (जिसका अर्थ है “आधा पीने वाला”) नाम मिला और उन्हें कपालमोचन शिव के साथ पुरी के रक्षकों में से एक के रूप में मान्यता मिली।
❀ लक्ष्मी पुराण के अनुसार मानबसा गुरुबार उत्सव में, जब लक्ष्मी ने मुख्य मंदिर छोड़ा, तो जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को कठिनाई का सामना करना पड़ा। उस दौरान सुभद्रा अपनी मौसी के साथ इस मंदिर में रहीं।
❀ बहुदा यात्रा (वापसी यात्रा) के दौरान भगवान जगन्नाथ का रथ मौसीमा मंदिर में रुकता है। यहाँ जगन्नाथ को उनका पसंदीदा पोडा पिठा परोसा जाता है, जो मंदिर की देखरेख में धीमी आंच पर पकाया जाने वाला चावल और दाल का केक होता है। यह अनुष्ठान उनकी मौसी की ओर से स्नेह और स्वीकृति का प्रतीक है।
❀ मंदिर का निर्माण केशरी (गंगा) राजवंश ने 14वीं शताब्दी में करवाया था, मंदिर छोटा है लेकिन इसमें पारंपरिक कलिंग शैली की वास्तुकला है: रेखा-विमान, पीढ़ा-जगमोहन और नटमंडप।

मौसीमाँ मंदिर दर्शन समय
आमतौर पर मौसीमाँ मंदिर दर्शन समय सुबह 6:30 बजे से रात 10 बजे तक है; रथ यात्रा के दौरान विशेष प्रवेश दिया जाता है। अन्य समय में, प्रवेश अधिक सीमित होता है। रथ यात्रा के साथ-साथ, प्रमुख समारोहों में महासप्तमी, महानवमी, कार्तिक पूर्णिमा, दुर्गा पूजा, दिवाली आदि शामिल हैं। दैनिक आरती और पोडापीठा प्रसाद - नरसिंह चतुर्दशी जैसे खुशी के अवसरों पर भी देवता को ठंडा रखने के लिए जल अनुष्ठान किए जाते हैं।

मौसीमाँ मंदिर कैसे पहुँचें
मौसीमाँ मंदिर पुरी के ग्रैंड रोड के बीच में स्थित है, जगन्नाथ मंदिर से लगभग 10 मिनट की पैदल दूरी पर और पुरी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के करीब है।
Mausi Maa Temple, Puri - Read In English
Mausi Maa Temple is dedicated to Maa Ardhasini, therefore also called as Ardhasini Temple. Devotees believed that Devi Ardhasini together with Kapalamochana Shiva, act as the guardians of Puri.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
6:30 AM - 10:00 PM
मंत्र
जय माँ अर्धासिनी
त्योहार
Mahasaptami, Mahanavami, Makar Sankranti, Vasant Panchami, Shivaratri, Holi, Ram Navami, Akshay Trutiya, Rukmani Vivah, Jagannath Rathyatra, Vaman Jayanti, Guru Purnima, Raksha Bandhan, Randhan Chatth, Janmashtami, Ganeshotsav|Ganesh Chaturthi, Navratri, Vijya Dashmi, valmiki jayanti|Sharad Poonam, Diwali, Tulsi Vivah | यह भी जानें: एकादशी
धाम
YagyashalaMaa Tulasi
बुनियादी सेवाएं
Prasad, CCTV Security, Sitting Benches
देख-रेख संस्था
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन, पुरी
समर्पित
माँ अर्धासिनी
फोटोग्राफी
🚫 नहीं (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Grand Road Puri Odisha
मेट्रो 🚇
सड़क/मार्ग 🚗
Jagannath Sadak / Puri-Konark Marine Drive >> Grand Road
रेलवे 🚉
Puri Railway Station
हवा मार्ग ✈
Biju Patnaik International Airport, Bhubaneswar
नदी ⛵
Dhaudia
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
19.811586°N, 85.827514°E

क्रमवद्ध - Timeline

6:30 AM - 10:00 PM

वीडियो - Video Gallery

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Updated: Jul 01, 2025 13:01 PM