मैं तो हूँ नादान साँवरे,
श्लोक मंत्र कुछ आवे ना..
राधे-राधे भजती हूँ मैं,
और मने कुछ आवे ना..
छमछम नाचूँ तेरे सामने,
जग की लाज लजावे ना..
राधे-राधे भजती हूँ मैं,
और मने कुछ आवे ना..
सुना है राधे नाम की रिश्वत,
चाले तेरे धाम में..
इसीलिए तो चोखे मन से,
भजती राधा नाम मैं..
मन जो राधा नाम जपे वो,
जीवन भर पछतावे ना..
राधे-राधे भजती हूँ मैं,
और मने कुछ आवे ना..
कन्हैया के प्राणों में राधा,
बिन राधा कान्हा आधा..
मैं भी राधा नाम भजूं तो,
जुड़ता मोहन से धागा..
[Bhakti Bharat Bhajan]
जिसको राधे रट लागी,
उसको ठाकुर ठुकरावे ना..
राधे-राधे भजती हूँ मैं,
और मने कुछ आवे ना..
हुई प्रीत में राधा जोगन,
उस जोगन की मैं जोगन..
जिससे मोहन का मन लागा,
उसमे लागा मेरा मन..
बस राधा रस अब तो,
कोई दूजा रस बहलावे ना..
राधे-राधे भजती हूँ मैं,
और मने कुछ आवे ना..
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