मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की। जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
कहते है कोई बदल ना पाता, है हाथों की रेखा, पर ये करिश्मा हमने माँ को, रोज ही करते देखा, तभी तो ये दुनियाँ, दीवानी इसकी रे,
मेरी शेरावाली मां, बदलती तकदीरे ॥
मेरे सर पे चुनरिया लहराएगी, मैया आएगी, ओ मैया आएगी मेरी, मैया आएगी, खुशियों से झोली आज मेरी, भर जाएगी मैया आएगी ॥
घर ऐसा देना माँ, जो तेरे मंदिर जैसा हो, जैसा है भवन तेरा, मेरा आँगन पावन ऐसा हो, घर ऐसा देना मां, जो तेरे मंदिर जैसा हो ॥
तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है, हर और निराले जलवे हैं, जहाँ भवन तुम्हारा देखा है, तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है ॥
मोरी मैया महान, मोरी मईया महान, मैहर की शारदा भवानी ॥
बुहा खोल के माये, जरा तक ते ले, तेरे मंदिरा दे वेडे दाती, कौन आया है, मान बच्चिया दा अज मायें, रख ते ले, तेथो मंगियां मुरादा पान,
कौन आया है ॥