तेरी जय हो गौरी लाल ॥
दोहा – विघ्न कटे संकट मिटे,
मंगल हो हर काज,
बाधाएं सब दूर करे,
हे गणपति महाराज ॥
पिता जिनके शिव महाकाल,
विघ्नो को देते टाल,
पूजे जग तुमको पहले,
रुतबा देवों में कमाल,
है नमन तुम्हे गणनायक,
तेरी जय हो गौरी लाल ॥
एक दन्त गजमुख तेरा,
तुम चार भुजा के धारी हो,
मोदक प्रिय तुमको है,
मूसक की करते सवारी हो,
कोई लाया फल मेवा,
कोई लाया चढाने दुशाल,
पूजे जग तुमको पहले,
रुतबा देवों में कमाल,
है नमन तुम्हे गणनायक,
तेरी जय हो गौरी लाल ॥
जो गणपति जी का ध्यान धरे,
प्रभु सब उनके संताप हरे,
घर आँगन महके खुशियों से,
रिद्धि सिद्धि घर में निवास करे,
तेरी सेवा में मन लगता,
तभी मुझसे है दूर बवाल,
पूजे जग तुमको पहले,
रुतबा देवों में कमाल,
है नमन तुम्हे गणनायक,
तेरी जय हो गौरी लाल ॥
करते तेरा सब वंदन,
प्रभु आन बिराजो अभिनन्दन,
तुम मनवांछित फल देते,
भक्तों की झोली भर देते,
बस दया रहे तेरी,
कट जाए सब जंजाल,
पूजे जग तुमको पहले,
रुतबा देवों में कमाल,
है नमन तुम्हे गणनायक,
तेरी जय हो गौरी लाल ॥
पिता जिनके शिव महाकाल,
विघ्नो को देते टाल,
पूजे जग तुमको पहले,
रुतबा देवों में कमाल,
है नमन तुम्हे गणनायक,
तेरी जय हो गौरी लाल,
तेरी जय हो गौरी लाल ॥
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