राधा रानी से भावपूर्ण प्रार्थना :
वृषभानुनन्दिनी जगत वन्दिनी
वृषभानु नन्दिनी जगत वन्दिनी,
तुम दया की खान हो ।
मम हिय में भर दो प्रेमभक्ति,
तुम तो भक्ति ज्ञान हो ॥
प्रभु भक्ति की तू है मूरत,
तू है माँ ममतामयी ।
कृपा रूपी तू है सागर,
मातु तू करुणामयी ॥
हे राधिके ले श्याम को संग,
मुझे दर्शन दीजिये ।
सब दुर्गुणों से दूर करके,
पार भव से कीजिये ॥
भक्तिभारत भजन
जगत रूपी नाव की,
जननी तुम्हीं पतवार हो ।
कोई न भव से पार करता,
मातु खेवनहार हो ॥
कर कृपा रख हाथ सिर पर,
चरण रज अब दीजिये ।
कान्त है माँ पुत्र तेरा,
शरण इसको लीजिये ॥
दोहा :
है अबोध बालक तेरा,
रखना माता ध्यान ।
ले शरण में कान्त को,
कर दे माँ कल्यान ॥1॥
कृपा करो हे राधिके,
भरो प्रेम की रंग ।
एकबार मोहि दरश दे,
श्री मनमोहन के संग ॥2॥
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