Shri Krishna Bhajan

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha)


मंगलवार व्रत कथा
Add To Favorites Change Font Size
एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।
घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।

वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।

बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है?

पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।

घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि, मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है।

ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।

जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है,और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है, और हनुमान जी की दया के पात्र बनते हैं।

श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।
यह भी जानें

Katha Shri Hanuman KathaBajrangbali KathaMangalwar KathaTuesday KathaHanuman Jayanti KathaMangalvar KathaMangal Vrat KathaHanuman Vrat KathaBudhawa Mangal Katha

अन्य प्रसिद्ध मंगलवार व्रत कथा वीडियो

अगर आपको यह कथाएँ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस कथाएँ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

कथाएँ ›

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 7

व्रती मनुष्य जहाँ कहीं भी रहता है वहीं पर उसकी पूजा होती है, उसका यश फैलता है। उसके निवास स्थान पर भूत, पिशाच आदि कोई भी नहीं रह पाते..

मंगलवार व्रत कथा

सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए मंगलवार व्रत रखना शुभ माना जाता है। पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा...

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8

नारदजी बोले – अब मैं कार्तिक व्रत के उद्यापन का वर्णन करता हूँ जो सब पापों का नाश करने वाला है। व्रत का पालन करने वाला मनुष्य

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6

स्नान से पहले भगवान का ध्यान कर के स्नानार्थ संकल्प करना चाहिए फिर तीर्थ में उपस्थित देवताओं को क्रमश: अर्ध्य, आचमनीय आदि देना चाहिए।

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 5

जो मनुष्य उपरोक्त विधि के अनुसार कार्तिक व्रत का अनुष्ठान करते हैं वह जगत के सभी सुखों को भोगते हुए अन्त में मुक्ति को प्राप्त करते हैं।

अहोई अष्टमी व्रत कथा

श्री गणेशाय नमः, प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे।

अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा

बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शिलवन्त चरित्रवान...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP