Download Bhakti Bharat APP
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa -

विनय पत्रिका: देवी स्तुति (Vinay Patrika: Devi Stuti)


Add To Favorites Change Font Size
राग मारू
दुसह दोष-दुख, दलनि, करु देवि दाया ।
विश्व-मूलाऽसि, जन-सानुकूलाऽसि, कर शूलधारिणि महामूलमाया ॥ १ ॥
तडित गर्भाङ्ग सर्वाङ्ग सुन्दर लसत, दिव्य पट भव्य भूषण विराजैं ।
बालमृग-मंजु खंजन-विलोचनि, चन्द्रवदनि लखि कोटि रतिमार लाजैं ॥ २ ॥

रूप-सुख-शील-सीमाऽसि, भीमाऽसि, रामाऽसि, वामाऽसि वर बुद्धि बानी ।
छमुख हेरंब-अंबासि, जगदंबिके, शंभु-शंभुजायासि जय जय भवानी ॥ ३ ॥

चंड-भुजदंड-खंडनि, बिहंडनि महिष मुंड-मद-भंग कर अंग तोरे ।
शुंभ-निःशुंभ कुम्भीश रण-केशरिणि, क्रोध-वारीश अरि-वृन्द बोरे ॥ ४ ॥

निगम-आगम-अगम गुर्वि!गुर्वितव गुन-कथन, उर्विधर करत जेहि सहसजीहा ।
देहि मा, मोहि पन प्रेम यह नेम निज, राम घनश्याम तुलसी पपीहा ॥ ५ ॥
यह भी जानें

Granth Vinaypatrika GranthVinay Pad GranthRam Vinayavali GranthTulsidas Ji Rachit Granth

अगर आपको यह ग्रंथ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ग्रंथ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

विनय पत्रिका

गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है।

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 41

बुध पुरान श्रुति संमत बानी । कही बिभीषन नीति बखानी ॥ सुनत दसानन उठा रिसाई ।..

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 44

कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू । आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।..

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP