सीता कल्याण वैभोगमे
राम कल्याण वैभोगमे
पवनज स्तुति पात्र पावन चरित्र
रवि सोम वर नेत्र रमणीय गात्र
भक्त जन परिपाल भरित शर जाल
भुक्ति मुक्तिद लील भू-देव पाल
पाम(रा)सुर भीम परिपूर्ण काम
श्याम जग(द)भिराम साकेत धाम
सर्व लो(का)धार सम(रै)क वीर
गर्व मानव दूर कन(का)ग धीर
निग(मा)गम विहार निरुपम शरीर
नग ध(रा)घ विदार नत लो(का)धार
परमेश नुत गीत भव जलधि पोत
तरणि कुल सञ्जात त्यागराज नुत
सीता कल्याण वैभोगमे की रचना भक्तिमार्गी कवि एवं कर्णाटक संगीत के महान संगीतज्ञ संत त्यागराज जी ने की थी। सुंदर सीता कल्याण वैभोगमे कर्णाटक में होने वाले विवाहों का एक पवित्र एवं लोकप्रिय मंगल गीत भी है।
Mantra Maa Sita MantraJanki MantraSita Navami MantraSundarkand MantraRamayan Path MantraVijayadashami MantraRam Sita Vivah Mantra
Uthara Unnikrishnan
Sooryagayathri
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।