Download Bhakti Bharat APP
Shri Ram Stuti -

सीता कल्याण वैभोगमे (Seetha Kalyana Vaibhogame)


सीता कल्याण वैभोगमे
सीता कल्याण वैभोगमे
राम कल्याण वैभोगमे
पवनज स्तुति पात्र पावन चरित्र
रवि सोम वर नेत्र रमणीय गात्र

भक्त जन परिपाल भरित शर जाल
भुक्ति मुक्तिद लील भू-देव पाल

पाम(रा)सुर भीम परिपूर्ण काम
श्याम जग(द)भिराम साकेत धाम

सर्व लो(का)धार सम(रै)क वीर
गर्व मानव दूर कन(का)ग धीर

निग(मा)गम विहार निरुपम शरीर
नग ध(रा)घ विदार नत लो(का)धार

परमेश नुत गीत भव जलधि पोत
तरणि कुल सञ्जात त्यागराज नुत

सीता कल्याण वैभोगमे की रचना भक्तिमार्गी कवि एवं कर्णाटक संगीत के महान संगीतज्ञ संत त्यागराज जी ने की थी। सुंदर सीता कल्याण वैभोगमे कर्णाटक में होने वाले विवाहों का एक पवित्र एवं लोकप्रिय मंगल गीत भी है।

Seetha Kalyana Vaibhogame in English

Seetha Kalyaana Vaibhogame, Rama Kalyaana Vaibhogame, Pavanaja Sthuthi Paathra Paavana Charithra, Ravi Soma Vara Nethra Ramaneeya Gatra...
यह भी जानें

Mantra Maa Sita MantraJanki MantraSita Navami MantraSundarkand MantraRamayan Path MantraVijayadashami MantraRam Sita Vivah Mantra

अन्य प्रसिद्ध सीता कल्याण वैभोगमे वीडियो

Uthara Unnikrishnan

Sooryagayathri

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भोजन मन्त्र: ॐ सह नाववतु

ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु।...

भक्तामर स्तोत्र - भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा

भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा- मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।

पितृ स्तोत्र

अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् । नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ॥ इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।

सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र

उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः । मंत्र: रोग-व्याधि सभी दूर करने हेतु | रोग-उन्मूलन मंत्र | सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र

पति प्राप्ति - पार्वती स्तोत्रम्

जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रम् ॥ जानकी उवाच | शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये । सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते ॥ सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी...

Hanuman Chalisa -
Shri Ram Stuti -
×
Bhakti Bharat APP