Shri Ram Bhajan

गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Shri Krishana Me Shri Ram Ke Darshan)


Add To Favorites Change Font Size
तुलसीदास जी को भगवान् श्री कृष्ण का राम रूप में दर्शन देना:
भक्तमाल सुमेरु बनाने के पश्चात गोस्वामी जी नाभादास जी को साथ लेकर श्री मदनमोहन जी के दर्शन करने गए। गोस्वामी जी ने भगवान श्री मदन मोहन जी से प्रार्थना की: प्रभो ! आपकी यह छबि अवर्णनीय है, परंतु सच्ची बात तो यह है की भगवान श्रीराम मेरे इष्टदेव है।
का बरनउँ छबि आज की,
भले बने हो नाथ ।
तुलसी मस्तक तब नवै,
धनुष बान लेओ हाथ ॥
उस समय तुलसीदास जी की दृष्टी प्रेम में पगी हुई थी। भक्त की भावना, प्रार्थना को स्वीकार कर श्रीकृष्ण ने हाथ में धनुष-बाण ले लिया और श्री राम रूप में दर्शन दिए।

अपने मन के अनुरूप अपने इष्टदेव की शोभा, सुंदरता जब आपने देखी तो इन्हें अत्यंत ही प्रिय लगी।
कुछ श्री कृष्ण के अनन्य उपासको ने कहा: भगवान् श्री कृष्ण सोलह कलाओं से पूर्ण प्रशंसनीय है और श्री रामचंद्र जी अंशावतार है।

यह सुनकर गोस्वामी जी ने उत्तर दिया कि अब तक तो मै उन्हें श्री दशरथ जी का पुत्र, परम सुंदर उपमा रहित जानकार उनसे प्रेम करता था, परंतु आज आपके द्वारा मालूम हुआ कि उनमें ईश्वरता भी है। अब उनमें मेरी प्रीति करोड़ों गुनी अधिक हो गयी है। वहाँ से आगे से चलकर अनेक प्राणियो का उद्धार करते हुए, लोगों को अपने धर्म मे स्थिर और भगवान की ओर बढाते हुए गोस्वामी जी अयोध्या आये।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniVrindavan Prerak-kahaniShri Krishna Prerak-kahaniKrishna Leela Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

भक्तमाल सुमेरु तुलसीदास जी - सत्य कथा

भक्तमाल सुमेरु श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज| वृंदावन में भंडारा | संत चरण रज ही नहीं अपितु पवित्र व्रजरज इस जूती पर लगी है | हां ! संत समाज में दास को इसी नाम से जाना जाता है..

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा जगन्नाथ जी दर्शन - सत्य कथा

जगन्नाथ जी का दर्शन | जगन्नाथ जी ने आपके लिए प्रसाद भेजा है | मेरे मंदिर के चारों द्वारों पर हनुमान का पहरा है | वह स्थान तुलसी चौरा नाम से विख्यात हुआ..

तुलसीदास जी द्वारा श्री रामचरितमानस की रचना - सत्य कथा

दो वर्ष सात महीने छब्बीस दिन मे श्रीरामचरित मानस की रचना समाप्त हुई। संवत् १६३३ मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष में रामविवाह के दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।

तुलसीदास जी ने स्त्री को पुरुष मे बदला: सत्य कथा

चरवारी के ठाकुर की लड़की जो कि बहुत ही सुन्दरी थी। इसके माता पिता को बहुत प्रयास करने पर पुत्र प्राप्त नहीं हुआ, पुत्री हो गयी।

पीपल एवं पथवारी की कथा - प्रेरक कहानी

एक बुढ़िया थी। उसने अपनी बहू से कहा तू दूध दही बेच के आ। वह बेचने गई तो रास्ते में औरतें पीपल पथवारी सींच रहीं थीं..

श्री गणेश एवं बुढ़िया माई की कहानी

एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था..

सफल लाइफ में ऐसा कोई भी शॉर्टकट नहीं - प्रेरक कहानी

एक बार एक चिड़िया जंगल मे अपने मीठे सुर मे गाना गा रही थी। तभी, उसके पास से एक किसान कीड़ों से भरा एक संदूक ले करके गुजरा।

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP