स्वामीजी महाराज दतिया (Swami ji Maharaj Datiya)


भक्तमाल | स्वामीजी महाराज दतिया
वास्तविक नाम - अमृतेश्वर
अन्य नाम - दतिया महाराज, पीतांबरा पीठ के श्री स्वामी जी
आराध्या - देवी बगलामुखी
जन्म स्थान - उत्तर प्रदेश, भारत
भाषाएँ: हिंदी, संस्कृत
वैवाहिक स्थिति - अविवाहित
प्रसिद्ध - पीताम्बरा पीठ दतिया के महन्त
स्वामी जी महाराज मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित श्री पीताम्बरा पीठ के संस्थापक एवं प्रमुख संत थे। उन्होंने 1929 में दतिया में तपस्या शुरू की और 1935 में मां बगलामुखी के मंदिर की स्थापना की। उनकी तपस्या और साधना का काल 50 वर्षों से अधिक था, जो 2 जून 1979 को उनकी समाधि तक जारी रहा। स्वामी जी ने वेद, उपनिषद, शास्त्रीय संगीत और तंत्र साधना में गहन विद्वता अर्जित की थी।

पीताम्बरा पीठ एक प्रमुख शक्ति पीठ है, जहां बगलामुखी और धूमावती के मंदिर स्थित हैं। यहां एक संस्कृत पुस्तकालय है, संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और तंत्र साधना की शिक्षा दी जाती है। स्वामी जी के योगदान के कारण यह पीठ आज भी भक्तों और साधकों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है।

पीताम्बरा पीठ दतिया के महंत श्री स्वामी जी महाराज को देशभक्ति के लिए भी जाना जाता है, विशेषकर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान। इसलिए उन्हें राष्ट्र गुरु माना जाता है।
Swami ji Maharaj Datiya - Read in English
Swami Ji Maharaj was the founder and head saint of Shri Pitambra Peeth situated in Datia district of Madhya Pradesh.
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श्री सुरेश्वराचार्य एक प्रसिद्ध विद्वान और दार्शनिक थे जिन्होंने सनातन वैदिक धर्म के उत्कर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शंकराचार्य जी

भक्तमाल | आदि गुरु शंकराचार्य | गुरु - आचार्य गोविन्द भगवत्पाद | आराध्य - भगवान शिव | दर्शन - अद्वैत वेदान्त

स्वामीजी महाराज दतिया

स्वामी जी महाराज मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित श्री पीताम्बरा पीठ के संस्थापक एवं प्रमुख संत थे।

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