फन फन नाच रहे बनवारी ।
पद प्रहार चट चट पट पट ध्वनि,
वारि रक्त अरु नारी ॥
नमित फनन धब धब ध्वनि उपजत,
वेणु नाद प्यारी ।
नाग त्रिया बहु विनय करत हैं,
नैन झरत वारी ॥ फन फन....
फुं फुं फुं फुफकार करत अहि,
सलिल वीचि भारी ।
करि करि क्रोध झुकत माधव पर,
रुदति सकल ब्रजनारी ॥ फन फन....
क्रोध सहित फन उठत जबहिं जो,
खट खट ध्वनि भारी ।
देवादास शिथिल कालिय अहि,
मानी निज हारी ॥ फन फन....
भजन रचना : प.पू.गुरुदेव श्री स्वामी देवादास जी महाराज ।
स्वर : सियाराम जी ।
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