आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..
भोले के नाम का प्याला पिएंगे, भोले के नाम का जप हम करेंगे, मस्ती में झूमेंगे नाचे गाएंगे, जब भी भोले मेरे डमरू बजायेंगे ॥
संकटहर्ता संकट काटो, चारो तरफ तेरा राज, कर दो अब खुशियों की वर्षा, हे गणपति महाराज, हमारे पूरण कर दो काज, सबके पूरण तुम काम करो, जग में है तेरी मिसाल, अब विनती सुनलो गणपति देवा ॥
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना, देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे, बलिहार संवारे जू । तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे..
मेरा भोला है भंडारी करता नंदी की सवारी, सबना दा रखवाला ओ शिवजी डमरूवाला जी..
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए, और ध्यान लगाए किसका, ना जाने वो डमरू वाला, ना जाने वो डमरू वाला, सब देवो में सब देवों में,
है वो देव निराला, डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये, और ध्यान लगाए किसका ॥