मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की। जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।
नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, अष्टमी तथा शुक्रवार को गाए जाने वाले प्रसिद्ध माता के भजन..
सारी दुनिया से हार के, मैं तेरे दर पे आया हूँ । सुनले ओ खाटू वाले श्याम, तेरे ही भरोसे आया हूँ ।
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले, जय सिया राम राम, जय राधे श्याम श्याम...
तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है, जग से हार करके, तेरे पास आ गया है, तेरे नाम का दिवाना, तेरे द्वार पे आ गया है ॥
प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए, जो बने विषयों के प्रेमी उनको रोना चाहिए, मखमली गद्दे पे सोये ऐश और आराम से..