Shri Ram Bhajan

श्री महालक्ष्मी चालीसा (Shri Mahalakshmi Chalisa)


श्री महालक्ष्मी चालीसा
॥ दोहा ॥
जय जय श्री महालक्ष्मी,करूँ मात तव ध्यान।
सिद्ध काज मम किजिये,निज शिशु सेवक जान॥
॥ चौपाई ॥
नमो महा लक्ष्मी जय माता।तेरो नाम जगत विख्याता॥
आदि शक्ति हो मात भवानी।पूजत सब नर मुनि ज्ञानी॥

जगत पालिनी सब सुख करनी।निज जनहित भण्डारण भरनी॥
श्वेत कमल दल पर तव आसन।मात सुशोभित है पद्मासन॥

श्वेताम्बर अरू श्वेता भूषण।श्वेतही श्वेत सुसज्जित पुष्पन॥
शीश छत्र अति रूप विशाला।गल सोहे मुक्तन की माला॥

सुंदर सोहे कुंचित केशा।विमल नयन अरु अनुपम भेषा॥
कमलनाल समभुज तवचारि।सुरनर मुनिजनहित सुखकारी॥

अद्भूत छटा मात तव बानी।सकलविश्व कीन्हो सुखखानी॥
शांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी।सकल विश्वकी हो सुखखानी॥

महालक्ष्मी धन्य हो माई।पंच तत्व में सृष्टि रचाई॥
जीव चराचर तुम उपजाए।पशु पक्षी नर नारी बनाए॥

क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए।अमितरंग फल फूल सुहाए॥
छवि विलोक सुरमुनि नरनारी।करे सदा तव जय-जय कारी॥

सुरपति औ नरपत सब ध्यावैं।तेरे सम्मुख शीश नवावैं॥
चारहु वेदन तब यश गाया।महिमा अगम पार नहिं पाये॥

जापर करहु मातु तुम दाया।सोइ जग में धन्य कहाया॥
पल में राजाहि रंक बनाओ।रंक राव कर बिमल न लाओ॥

जिन घर करहु माततुम बासा।उनका यश हो विश्व प्रकाशा॥
जो ध्यावै से बहु सुख पावै।विमुख रहे हो दुख उठावै॥

महालक्ष्मी जन सुख दाई।ध्याऊं तुमको शीश नवाई॥
निज जन जानीमोहीं अपनाओ।सुखसम्पति दे दुख नसाओ॥

ॐ श्री-श्री जयसुखकी खानी।रिद्धिसिद्ध देउ मात जनजानी॥
ॐह्रीं-ॐह्रीं सब व्याधिहटाओ।जनउन विमल दृष्टिदर्शाओ॥

ॐक्लीं-ॐक्लीं शत्रुन क्षयकीजै।जनहित मात अभय वरदीजै॥
ॐ जयजयति जयजननी।सकल काज भक्तन के सरनी॥

ॐ नमो-नमो भवनिधि तारनी।तरणि भंवर से पार उतारनी॥
सुनहु मात यह विनय हमारी।पुरवहु आशन करहु अबारी॥

ऋणी दुखी जो तुमको ध्यावै।सो प्राणी सुख सम्पत्ति पावै॥
रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई।ताकी निर्मल काया होई॥

विष्णु प्रिया जय-जय महारानी।महिमा अमित न जाय बखानी॥
पुत्रहीन जो ध्यान लगावै।पाये सुत अतिहि हुलसावै॥

त्राहि त्राहि शरणागत तेरी।करहु मात अब नेक न देरी॥
आवहु मात विलम्ब न कीजै।हृदय निवास भक्त बर दीजै॥

जानूं जप तप का नहिं भेवा।पार करो भवनिध वन खेवा॥
बिनवों बार-बार कर जोरी।पूरण आशा करहु अब मोरी॥

जानि दास मम संकट टारौ।सकल व्याधि से मोहिं उबारौ॥
जो तव सुरति रहै लव लाई।सो जग पावै सुयश बड़ाई॥

छायो यश तेरा संसारा।पावत शेष शम्भु नहिं पारा॥
गोविंद निशदिन शरण तिहारी।करहु पूरण अभिलाष हमारी॥

॥ दोहा ॥
महालक्ष्मी चालीसा,पढ़ै सुनै चित लाय।
ताहि पदारथ मिलै,अब कहै वेद अस गाय॥

Shri Mahalakshmi Chalisa in English

Namo Maha Lakshmi Jai Mata।Tero Nama Jagata Vikhyata॥ Adi Shakti Ho Mata Bhavani।Pujata Saba Nara Muni Gyani॥
यह भी जानें

Chalisa Shri Mahalakshmi Chalisa ChalisaMaa Lakshmi ChalisaMata Laxmi ChalisaLaxmi Pujan ChalisaNavratri ChalisaKojagari Vrat Chalisa

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

चालीसा ›

गिरिराज चालीसा

जय हो जय बंदित गिरिराजा।ब्रज मण्डल के श्री महाराजा॥ विष्णु रूप तुम हो अवतारी।सुन्दरता पै जग बलिहारी॥

अन्नपूर्णा चालीसा

विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता..

श्री लक्ष्मी चालीसा

मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥

कुबेर चालीसा

जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।..

तुलसी चालीसा

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

गणेश चालीसा

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा लिरिक्स | जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP