मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥
आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ।
इतना ही विचार लो, बस हो गया भजन॥
कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुन कर क्षमा करो।
वाणी का स्वर संभाल लो, बस हो गया भजन॥
नेकी सभी के साथ में बन जाए तो करो।
मत सर बंदी का हर लो, बस हो गया भजन॥
नजरो में तेरी दोष है, दुनिया निहारते।
समता का अंजन ढाल लो, बस हो गया भजन॥
यह महल माडिया ना तेरे साथ जायेगी।
सतगुरु की महिमा जान लो, बस हो गया भजन॥
अनमोल ब्रह्मानंद जो चाहिए सदा।
घट घट में राम निहार लो, बस हो गया भजन॥
मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥
आरती कुंजबिहारी की |
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन |
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं |
आरती श्री बाल कृष्ण जी की |
ॐ जय जगदीश हरे |
मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं |
कृष्ण भजन |
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं |
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