ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का,
वाह रे बजरंगी क्या कहना,
ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना ॥
वो लांघ समुन्दर पार गया,
रावण की लंका जार गया,
लंका को जलाना क्या कहना,
रावण को डराना क्या कहना ॥
संजीवन बूटी लाने को,
लक्ष्मण के प्राण बचाने को,
पर्वत को उठाना क्या कहना,
लक्ष्मण को जिलाना क्या कहना ॥
श्री राम प्रभु को प्यारा है,
अहिरावण को जा मारा है,
ये राम दीवाना क्या कहना,
कहता है जमाना क्या कहना ॥
ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का,
वाह रे बजरंगी क्या कहना,
ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना ॥
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