Sawan 2025

शीश गंग अर्धंग पार्वती - भजन (Sheesh Gang Ardhang Parvati)


शीश गंग अर्धंग पार्वती - भजन
शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,
धरत ध्यान सुर सुखरासी ॥
शीतल मन्द सुगन्ध पवन,
बह बैठे हैं शिव अविनाशी ।
करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर,
राग रागिनी मधुरासी ॥

यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,
बोलत हैं वनके वासी ।
कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,
भ्रमर करत हैं गुंजा-सी ॥

कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु,
लाग रहे हैं लक्षासी ।
कामधेनु कोटिन जहँ डोलत,
करत दुग्ध की वर्षा-सी ॥

सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित,
चन्द्रकान्त सम हिमराशी ।
नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित,
सेवत सदा प्रकृति दासी ॥

ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत,
गान करत श्रुति गुणराशी ।
ब्रह्मा, विष्णु निहारत निसिदिन,
कछु शिव हमकूँ फरमासी ॥

ऋद्धि-सिद्धि के दाता शंकर,
नित सत् चित् आनन्दराशी ।
जिनके सुमिरत ही कट जाती,
कठिन काल यमकी फांसी ॥

त्रिशूलधरजी का नाम निरन्तर,
प्रेम सहित जो नर गासी ।
दूर होय विपदा उस नर की,
जन्म-जन्म शिवपद पासी ॥

कैलासी काशी के वासी,
विनाशी मेरी सुध लीजो ।
सेवक जान सदा चरनन को,
अपनो जान कृपा कीजो ॥

तुम तो प्रभुजी सदा दयामय,
अवगुण मेरे सब ढकियो ।
सब अपराध क्षमाकर शंकर,
किंकर की विनती सुनियो ॥

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,
धरत ध्यान सुर सुखरासी ॥

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र | शिव चालीसा | आरती: श्री शिव, शंकर, भोलेनाथ

Sheesh Gang Ardhang Parvati in English

Sheesh Gang Ardhang Parvati, Sada Virajat Kailasi । Nandi Bhrngi Nrty Karat Hain, Dharat Dhyan Sur Sukhrasi ॥
यह भी जानें

Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Mandir BhajanAnuradha Paudwal Bhajan

अन्य प्रसिद्ध शीश गंग अर्धंग पार्वती - भजन वीडियो

शीश गंग अर्धंग पार्वती - Rajendra Jain

शीश गंग अर्धंग पार्वती - Lakhbir Singh Lakkha

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

डम डम डम डम डमरू बजे कैलाश पर मेरा भोला सजे - भजन

डम डम डम डम डमरू बजे, कैलाश पर मेरा भोला सजे ।

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू - भजन

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू, हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥

शिव अद्भुत रूप बनाए: भजन

शिव अद्भुत रूप बनाए, जब ब्याह रचाने आए। भुत बेताल थे..

मैं काशी हूँ - भजन

कंकर कंकर मेरा शंकर, मैं लहर-लहर अविनाशी हूँ मैं काशी हूँ मैं…मैं काशी हूँ…!

भोले डमरु बजा दो एक बार: शिव भजन

भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में, कीर्तन में हरी कीर्तन में ॥

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में: शिव भजन

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में, मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में, भोलेनाथ तुम अपने चरणों में भोलेनाथ तुम अपने चरणों में, मुझें दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में ॥

हे त्रिपुरारी गंगाधरी: भजन

हे त्रिपुरारी गंगाधरी, सृष्टि के आधार, शंकर किरपा करुणाकार, भोले किरपा करुणाकार ॥

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Bhakti Bharat APP