दिवाली  2025 - Diwali 2025

श्री काशी विश्वनाथ अष्टकम: मंत्र (Kashi Vishwanath Ashtakam)


Add To Favorites Change Font Size
॥ श्रीकाशीविश्वनाथाष्टकम् ॥
गङ्गातरंगरमणीयजटाकलापं
गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम् ।
नारायणप्रियमनंगमदापहारं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥1॥
वाचामगोचरमनेकगुणस्वरूपं
वागीशविष्णुसुरसेवितपादपीठम् ।
वामेनविग्रहवरेणकलत्रवन्तं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥2॥

भूताधिपं भुजगभूषणभूषितांगं
व्याघ्राजिनांबरधरं जटिलं त्रिनेत्रम् ।
पाशांकुशाभयवरप्रदशूलपाणिं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥3॥

शीतांशुशोभितकिरीटविराजमानं
भालेक्षणानलविशोषितपंचबाणम् ।
नागाधिपारचितभासुरकर्णपूरं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥4॥

पंचाननं दुरितमत्तमतङ्गजानां
नागान्तकं दनुजपुंगवपन्नगानाम् ।
दावानलं मरणशोकजराटवीनां
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥5॥

तेजोमयं सगुणनिर्गुणमद्वितीयं
आनन्दकन्दमपराजितमप्रमेयम् ।
नागात्मकं सकलनिष्कलमात्मरूपं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥6॥

रागादिदोषरहितं स्वजनानुरागं
वैराग्यशान्तिनिलयं गिरिजासहायम् ।
माधुर्यधैर्यसुभगं गरलाभिरामं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥7॥

आशां विहाय परिहृत्य परस्य निन्दां
पापे रतिं च सुनिवार्य मनः समाधौ ।
आदाय हृत्कमलमध्यगतं परेशं
वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥8॥

॥ फलश्रुति ॥
वाराणसीपुरपतेः स्तवनं शिवस्य
व्याख्यातमष्टकमिदं पठते मनुष्यः ।
विद्यां श्रियं विपुलसौख्यमनन्तकीर्तिं
सम्प्राप्य देहविलये लभते च मोक्षम् ॥

विश्वनाथाष्टकमिदं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥
॥ इति श्रीमहर्षिव्यासप्रणीतं श्रीविश्वनाथाष्टकं सम्पूर्णम् ॥
- महर्षि व्यास
यह भी जानें

वाराणसीपुरपतेः स्तवनं शिवस्य
व्याख्यातमष्टकमिदं पठते मनुष्यः ।
विद्यां श्रियं विपुलसौख्यमनन्तकीर्तिं
सम्प्राप्य देहविलये लभते च मोक्षम् ॥

अर्थात्: इस विश्वनाथाष्टक स्तोत्र को जो श्रद्धा के साथ सुनता या पढता है उस इसी जन्म में विद्या, धन, कीर्ति, और अनन्त सुख प्राप्त होता है तथा मृत्यु के पश्चात् मोक्ष मिलता है॥

Mantra Shiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

अन्नपूर्णा स्तोत्रम्

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी, निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी।

राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र

मुनीन्द्र वृन्द वन्दिते त्रिलोक शोक हारिणि, प्रसन्न वक्त्र पण्कजे निकुञ्ज भू विलासिनि, व्रजेन्द्र भानु नन्दिनि व्रजेन्द्र सूनु संगते..

महालक्ष्मी मंत्र - ॐ महालक्ष्मयै नमो नमः

ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः, ॐ विष्णु प्रियायै नमो नमः, ॐ धनप्रदायै नमो नमः

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम

सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि, चन्द्र सहोदरि हेममये, मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायिनि, मंजुल भाषिणी वेदनुते ।

श्री महालक्ष्मी अष्टक

नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते । शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥

श्री लक्ष्मी सुक्तम् - ॐ हिरण्यवर्णां हरिणींसुवर्णरजतस्रजाम्

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥..

दैनिक हवन-यज्ञ विधि

दैनिक हवन-यज्ञ करने की सही और सरल विधि। और जानें मंत्रों का समयानुसार सही उपयोग उनके भावार्थ के साथ...

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP